अंधेरी रात में खोखला कर रहे धरती का सीना

खानपुर। खानपुर नगर में अवैध पत्थर से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली सड़कों पर सरपट दौड़ रहे है, जिन पर किसी प्रकार की कोई रोकटोक नहीं है। ये पत्थरमाफिया धरती का सीना छलनी करके वनभूमि को खोखला कर रहे है। साथ ही ये पत्थरमाफिया पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहे है। पत्थरों का लगातार हो रहा अवैध खनन सुबह तड़काओं से ही चालू हो जाता हैं। अवैध पत्थरों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली रात में अंधेरी की आड़ में निकलती हैं। 

कहां से आ रहा है पत्थर
वन विभाग के कर्मचारियों की माने तो खानपुर के आसपास ऐसी कोई जगह नहीं है जहां वनभूमि से अवैध पत्थरों का खनन कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है। पत्थर की ट्रोलियां बड़ी मात्रा में खानपुर के पास स्थित बारहपाटी के जंगल नयागांव बलड़ावदा क्षेत्र से पत्थरों से भरी हुई तेज रफ्तार से सड़कों पर निकलती है। इसी प्रकार पनवाड़ क्षेत्र में चलेट कालीसिन्ध नदी में अवैध खनन कर रोजाना पत्थरों से भरे ट्रैक्टर दौड़ रहे हैं।  पत्थरों के ट्रैक्टर टोलियां 2000 से लेकर 2200 तक बिक रही है। पत्थर की भरी हुई ट्रॉलियों पर अंकुश लगाने वाला कोई भी नहीं है और यदि इनकी शिकायत की जाती है तो इनके और फायदा होता है पत्थरों की रेट बढ़ा दी जाती है और यह रेट उपभोक्ताओं के ऊपर भारी पड़ती है। 

बिना नंबरों के सरपट दौड़ते पत्थरों से भरे ट्रैक्टर
खानपुर इलाके में अवैध खनन करने वाले वाहनों पर ना कोई नंबर प्लेट है और ना ही वाहनों को चलाने वाले ड्राइवरों के पास लाइसेंस। कम उम्र के ड्राइवर द्वारा धड़ल्ले से ट्रैक्टर चला रहे हैं, इसे रोकने के लिए कोई अंकुश नहीं है।  इन ट्रैक्टरों की सरपट दौड़ को देखते देखते हुए ऐसा लगता है कि 25 दिन बाद जब स्कूल खुलेंगे तो बच्चे भी रोड पर आएंगे, उन बच्चों का क्या होगा। एक्सीडेंट होने की संभावना बनी हुई है यह ट्रैक्टर रात को भी चलते हैं और सुबह भी चलते हैं। 

ट्रैफिक जाम की स्थिति
छोटे बच्चों द्वारा ट्रैक्टर चलाए जा रहे हैं जिनका कोई लाइसेंस प्राप्त नहीं है तो ट्रैफिक जाम तो होने ही है। ट्रैक्टर इतनी तेज गति से निकलते हैं कि गांव के अंदर जो रोड बने हुए हैं उनमें निकासी पानी की जालियां भी तोड़ जाते हैं।

अवैध खनन पर थोड़े समय के लिए अंकुश लग जाता है और फिर वापस से चालू हो जाते हैं, जिसका नुकसान एक आम आदमी को भुगतना पड़ता है जो ट्रॉली 2200 की आएगी, यदि अंकुश लगा दिया गया तो वह फिर 2500 में आएगी, अर्थात एक आम आदमी पर वजन बढ़ चुका है। 
– देवराज सिंह, ग्रामीण  

अवैध पत्थर खनन से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है  इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। 
 – राजू नायक, ग्रामीण  

यह पत्थर खनन कर निकाले जा रहे है, इन पर अंकुश लगाया जाए। जुलाई में स्कूल खुल जाते हैं और छोटे बच्चे रोड पर चलते हैं, यह उनके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। 
– राहुल चरण, ग्रामीण

पत्थरों से भरे ट्रैक्टर इतनी तेज रफ्तार से निकलते हैं कि एक्सीडेंट होने का अंदेशा बना रहता है और यदि ट्रैक्टर छोटा गली में निकलते हैं तो कुछ आर्थिक हानि भी होती है। 
–  राजेंद्र कुमार, ग्रामीण  

पत्थरों का अवैध खनन कर ट्रैक्टर ट्रॉली सड़कों पर निकलती है तो इन पर कोई रोकटोक नहीं है । इनके द्वारा कई बार सड़कों पर जाम की स्थिति बन जाती है। 
– रमेश शर्मा, ग्रामीण  

पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है , अवैध खनन से पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है। इन पर अंकुश लगाया जाए। 
 – अभिषेक वर्मा, ग्रामीण

नए सिरे से टीम गठित करके अवैध खनन व अवैध कटाव पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाएगा।  गश्त को भी बढ़ा दी जाएगी। 
 – सत्यवीर सिंह, रेंज फॉरेस्ट आॅफिसर, खानपुर।

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