अजमेर के गेगल थाना अंतर्गत एक निजी स्कूल ने गैंगरेप पीड़िता 12वीं कक्षा की छात्रा के साथ गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया और छात्रा को 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं से वंचित कर दिया. इस मामले में बीकानेर निदेशालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए निजी स्कूल की सीनियर सेकेंडरी की मान्यता रद्द कर दी है. वहीं, इस सत्र में पढ़ने वाले 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को दूसरे स्कूल में एडमिशन दिलाया जाएगा.
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अजमेर के गेगल थाना अंतर्गत एक्मे एकेडमी विद्यालय से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया था. इस मामले में तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल मे डाल दिया था. ऐसे में पीडित छात्रा के साथ हु अनहोनी के बाद स्कूल प्रशासन को सहानुभूति और छात्र की मदद करनी चाहिए थी. लेकिन स्कूल प्रशासन ने लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रुख अपनाते हुए छात्रा को बिना बताए उसकी स्कूल से टीसी काट दी और प्रवेश पत्र जारी होने के बाद भी उसे प्रवेश पत्र नहीं दिया गया. ऐसे में छात्रा 12वीं की कक्षा की परीक्षा नहीं दे पाई और छात्रा का 1 साल बर्बाद हो गया.
स्कूल प्रबंधन और प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा ने बताया कि इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान महिला कल्याण मंडल की एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रंस परियोजना विभाग के सदस्यों ने छात्रा को न्याय दिलाने का जिम्मेदार लिया और इस मामले में प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ गेगल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. गेगल थाना पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है.
रेप पीड़िता छात्रा अब दे सकेगी ओपन बोर्ड से परीक्षा
एनडीटीवी ने छात्रा के 12वीं कक्षा की परीक्षा से वंचित होने की खबर प्रमुखता से दिखाई थी. जिस पर अब रेप पीड़िता को कुछ राहत मिली है. शिक्षा विभाग ने छात्रा को ओपन स्कूल में प्रवेश दिलाकर कक्षा 12वीं की परीक्षा दिलाने के आदेश दिए हैं. खबर चलने के बाद हरकत में आए बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक आशीष मोदी ने शुक्रवार को बालिका को 12वीं ओपन स्कूल में प्रवेश दिलवाते हुए परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए.
जानिए पूरा मामला…
गौरतलब है कि 18 अक्टूबर 2023 को छात्रा के साथ उसके दूर के चाचा सहित दो अन्य लोगों ने गैंगरेप किया था. इस मामले में गेगल थाना पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षण भेज दिया था, जहां से एक आरोपी को जमानत मिल गई थी. इस वारदात के बाद स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के साथ स्कूल प्रशासन ने हमदर्दी दिखाने की बजाय उसका स्कूल से नाम काट दिया और उसे 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा से वंचित भी कर दिया था. इस मामले में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अंजली शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते आगे की कार्रवाई शुरू कर दी. जिसका नतीजा यह रहा कि आज छात्रा ओपन बोर्ड परीक्षा दे सकती है. वहीं स्कूल प्रबंधन और प्रिंसिपल के खिलाफ लीगल थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
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