अल्मोड़ा. उत्तराखंड के कई कलाकार ऐसे हैं, जो लोक संगीत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. साथ ही अपनी पहचान भी बना रहे हैं. एक ऐसे ही युवा कलाकार से आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं, जिनका नाम है सूरज प्रकाश. सूरज अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं. लोकल 18 से खास बातचीत में सूरज ने बताया कि जब वह तीन साल के थे, तो उनके पिता ने उन्हें हारमोनियम के आगे बिठा दिया था. जिसके बाद से संगीत के प्रति उनकी रुचि बढ़ती गई. जब वह कक्षा तीन में पहुंचे, तब उन्होंने हारमोनियम बजाना सीख लिया था. इसके बाद स्कूल के कार्यक्रमों में उन्होंने लोक गीत गाने शुरू किए. वह धीरे-धीरे लोगों के दिलों में जगह बना रहे थे.
उन्होंने कहा कि पहले के समय में पहाड़ी गानों की अल्बम बना करती थी, जिसमें 8 गाने एक साथ रिकॉर्ड होते थे, पर उस समय इतने पैसे न होने की वजह से वह गाने रिकॉर्ड नहीं कर पाए. जिसके बाद वह नौकरी करने के लिए बाहर चले गए. सूरज ने बताया कि जब उनकी बुआ के बेटे ने उनसे अपना गाना रिकॉर्ड करने के लिए कहा, तो इस सिलसिले में उनकी जितेंद्र सर से मुलाकात हुई. साल 2018 में उनका पहला गाना ओ हिमा रिलीज हुआ था. इसके बाद अगले साल यानी 2019 में उनके तीन गाने आए थे. धीरे-धीरे लोगों ने उन्हें जानना और उनकी आवाज से प्यार करना शुरू किया.
देश-विदेश तक पहुंचाएंगे पहाड़ के लोकगीत
उन्होंने कहा कि साल 2022 उनके जीवन का सबसे अनमोल साल है. उस साल रिलीज हुआ सरुली बसंता झोड़ा लोगों को बहुत पसंद आया. सूरज ने कहा कि वह इसके लिए संगीतकार गोविंद दिगारी और खुशी जोशी का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने उन्हें यह मौका दिया था. सूरज ने बताया कि वह अभी तक करीब 30 गाने गा चुके हैं. वह अपने पहाड़ों की संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम ऐसे ही करते रहेंगे और अपने लोकगीतों को देश-विदेश तक पहुंचाएंगे. वह अधिकतर झोड़ा, चांचरी, छपेली, नियोली गाते हैं और इसे ही आगे बढ़ाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 16:27 IST