अब इन गांवों में भी बजेगी फोन की घंटी, नेटवर्क के लिए नहीं चढ़ना होगा पहाड़, लग रहे हैं झमाझम टावर



बागेश्वर: उत्तराखंड के बागेश्वर में कई गांवों में आज भी नेटवर्क की सुविधा नहीं है. जिस कारण लोगों को रोजाना कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बिना नेटवर्क वाले कई गांव बागेश्वर में भी हैं. लेकिन अब ऐसे ही 48 गांवों को जल्द नेटवर्क सुविधा मिलने जा रही है. बागेश्वर के जिलाधिकारी आशीष भटगांई की अभिनव पहल से ये गांव 4जी नेटवर्क से कनेक्ट होने जा रहे हैं.

दूरस्थ गावों को मिलेगी मोबाइल की सुविधा
बागेश्वर के जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने लोकल 18 को बताया कि अब जिले के दूरस्थ गांवों के लोगों को मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी. इसके लिए जिले के 48 स्थानों को चयनित किया गया है. जल्द ही नेटवर्क टावर स्थापित कर गांवों को डिजिटल इंडिया का लाभ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और विधायक कपकोट सुरेश गढ़िया के प्रयासों से इस काम को किया जा रहा है.

इतना काम हो चुका पूरा
48 गांवों में टावर स्थापित करने का काम बीएसएनएल की ओर से किया जा रहा है. इनमें से अब तक 21 टावर लगाने का काम पूरा हो गया है. दो माह के भीतर 27 स्थानों में भी टावर लगाने का काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों के लोग लंबे समय से नेटवर्क सुविधा देने की मांग कर रहे थे. आपदा की दृष्टि से भी यह क्षेत्र काफी संवेदनशील हैं. जिस कारण यहां नेटवर्क सुविधा होना जरूरी है.

इन गांवों को मिलेगी नेटवर्क सुविधा
बागेश्वर के पंद्रहपाली, कपूरी, देवलविछराल, लाथी, भनार, मलखाडूगरचा, पुड़कुनी, किरौली, बदियाकोट, खरकनातोली, सुंदिल, गापानी, कोटभनार, धारी मध्या, जलमानी, गरवासिरमोली समेत 21 जगहों पर टावर लग चुके हैं. वर्तमान समय डिजिटल युग का है. ऐसे में इन गांवों के पास आज तक नेटवर्क सुविधा नहीं थी. इंटरनेट तो दूर की बात फोन में बात करने के लिए भी गांव के लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब इन लोगों के लिए खुशी की बात है, कि इन्हें नेटवर्क के लिए पहाड़ियों पर नहीं चढ़ाना पड़ेगा.

नेटवर्क के लिए नहीं चढ़ना होगा पहाड़
नेटवर्क सुविधा गांव के घर में ही मिल जाया करेगी. इस काम के होने से गांव के लोग भी काफी खुशी जता रहे हैं. नहीं तो इन गांवों के लोगों को नेटवर्क का लाभ लेने के लिए गांव के ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता था या फिर जिस गांव में नेटवर्क आते हैं वहां जाना पड़ता था. तब जाकर फोन पर बात हो पाती थी. स्कूल पढ़ने वाले बच्चों और परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को भी इसका लाभ मिलेगा.

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