असम में बाढ़ का कहर : 31 लाख की आबादी प्रभावित, हजारों गांव पानी में घिरे; 1.56 लाख लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में 514 राहत शिविर और 302 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं. इन राहत शिविरों में कुल 1,56,365 लोग शरण लिए हुए हैं. बता दें कि असम में 30 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. राज्य के 32 जिलों में 4 हजार से ज्यादा गांव पानी में डूबे हैं और 1.56 लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं. वहीं पड़ोसी राज्य मेघालय में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश जारी है. पश्चिमी त्रिपुरा में शनिवार को लगातार बारिश की वजह से काफी जानममाल को नुकसान पहुंचा है. त्रिपुरा सरकार ने बचाव और राहत कार्यों को तेज करने के लिए एनडीआरएफ, राज्य सुरक्षा बलों की सहायता के लिए असम राइफल्स के जवानों को लगाया है. अगरतला में सैकड़ों लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है.

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से राज्य में बाढ़ की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया. अधिकारियो ने यह जानकारी दी.  उन्होंने बताया कि सरमा शनिवार को उन कई राहत शिविरों का दौरा कर रहे हैं जहां बाढ़ प्रभावितों ने शरण ली हुई है. 

अधिकारियों ने बताया कि असम के होजई जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को ले जा रही एक नौका पलट गई, जिससे उसमें सवार तीन बच्चे लापता हो गए, जबकि 21 अन्य लोगों को बचा लिया गया.  उन्होंने बताया कि 24 ग्रामीणों का एक समूह शुक्रवार देर रात इस्लामपुर गांव से सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ रहा था, तभी रायकोटा इलाके में उनकी नौका पानी में डूबे एक ईंट-भट्टे से टकरा जाने के कारण पलट गई. 

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘इससे पहले आज, असम के मुख्यमंत्री से बात की और राज्य में बाढ़ के कारण स्थिति का जायजा लिया.  केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया. मैं बाढ़ से प्रभावित असम के लोगों की सुरक्षा और कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना करता हूं.’ 

सरमा ने प्रधानमंत्री के ट्वीट का जवाब देते हुए उन्हें धन्यवाद दिया.

सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘असम में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे आज सुबह छह बजे फोन किया. इस प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. उनके आश्वासन और उदारता के लिए कृतज्ञ हूं.”

मुख्यमंत्री ने कामरूप जिले में बाढ़ प्रभावित रंगिया का दौरा किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की असम इकाई के प्रमुख और स्थानीय विधायक भावेश कलिता के साथ स्थिति की समीक्षा की. सरमा ने फातिमा कॉन्वेंट स्कूल और कोलाजल में राहत शिविरों का भी दौरा किया.

सरमा ने कहा, ‘‘संबंधित अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने के निर्देश दिये गये है. सेना सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं.”

इस बीच, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा शनिवार को जारी एक बुलेटिन में कहा गया है कि कोपिली नदी नागांव जिले के कामपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

बुलेटिन में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र, जिया-भराली, पुथिमारी, मानस, बेकी, बराक और कुशियारा सहित अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

 

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