पिथौरागढ़. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आज भी कई ग्रामीण इलाकों में सड़क नहीं पहुंच पाई है. बरसात के इस मौसम में पैदल रास्तों की भी स्थिति खराब हो चुकी है. यहां आजादी के बाद से ही अभी तक कई गांव सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं. सड़क न जुड़ पाने से ग्रामीण विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर हैं. आज हम बात कर रहे हैं धारचूला विधानसभा की बंगापानी तहसील के मैथली गांव की, जो आज तक सड़क से नहीं जुड़ पाया है. इस कारण इस क्षेत्र की 2000 से ज्यादा की आबादी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मैथली गांव के लोग सड़क से 8 किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांव पहुंचते हैं.
सुविधाओं से कोसों दूर इस गांव में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में हर रोज ग्रामीण 16 किलोमीटर का पैदल सफर तय करने के बाद गाड़ियों से शहर पहुंचते हैं. सड़क से न जुड़ पाने के कारण यहां मरीजों को डोली बनाकर पैदल ही लाया जाता है, जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है. गांव में स्कूल तो है लेकिन एक शिक्षक ही यहां रोटेशन व्यवस्था के तहत तैनात है, जो हफ्ते में तीन दिन ही आ पाते हैं, जिस वजह से शिक्षा में भी यह क्षेत्र पिछड़ता जा रहा है. यहां के लोग विषम परिस्थितियों में जीवन जी रहे हैं, साथ ही अपने गांव को भी आबाद किए हुए हैं.
लोकल 18 को बताई समस्याएं
80 किलोमीटर का सफर करके यहां के ग्रामीण पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंचे और लोकल 18 से अपनी समस्याएं बताते हुए बोले कि वे पिछले कई सालों से सड़क का इंतजार कर रहे हैं. सड़क की स्वीकृति मिलने के बाद भी अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सुविधाएं मिलना उनका भी हक है, जिसे नहीं दिया जा रहा है. वहीं सड़क न बन पाने की वजह जब पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता एबी कांडपाल से पूछी गई, तो उन्होंने बताया कि शुरुआती सर्वे में इस सड़क पर मोड़ काफी सामने आए, जो सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं थे. जिसके बाद फिर से सर्वे हुआ है, जिसमें इन मोड़ों को सुरक्षित बताया गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 11:47 IST