सावन में शिवभक्ति अपने चरम पर होती है. कई शिवभक्त मुश्किलों की परवाह किये बिना कांवड़ यात्रा पर निकल जाते हैं. नियम के मुताबिक़, सबसे पहले हरिद्वार से गंगाजल कांवड़ में भरा जाता है, उसके बाद शिवालय जाकर उसी जल से अभिषेक किया जाता है. इन दिनों हरिद्वार में अलग-अलग तरह के कांवड़ यात्री नजर आ रहे हैं. कोई अपने माता-पिता को श्रवण कुमार की तरह कंधे पर उठाए नजर आ रहा है तो कोई कई-कई लीटर गंगाजल लेकर पैदल यात्रा कर रहा है.
हरिद्वार की सड़कों पर लोगों का ध्यान खींचा दो नन्हे कांवड़ियों ने. इनकी उम्र दस और तेरह साल बताई जा रही है. ये कांवड़िये हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकले हैं. अपने कंधे पर बीस लीटर गंगाजल उठाए ये दोनों शिवभक्त 240 किलोमीटर से भी अधिक सफर पैदल तय करेंगे और अपनी कांवड़ यात्रा पूरी करेंगे. जो भी रास्ते में इन नन्हे शिवभक्तों को देख रहा है, इनकी भक्ति की तारीफ कर रहा है. हालांकि, ऐसे भी कई लोग हैं, जिनके मुताबिक़, ये उम्र पढ़ाई की है ना कि कांवड़ यात्रा करने की.
अकेले ही निकले घर से
भक्ति में शक्ति दिखाते इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. हरिद्वार की सड़कों पर दो भाई कांवड़ यात्रा करते नजर आए. तेरह साल के ये भाई हरिद्वार से पैदल ही दिल्ली जा रहे हैं. दोनों घर से अकेले निकले हैं. इनके साथ इनके पेरेंट्स नजर नहीं आए. जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो दोनों ही एक-दूसरे का सहारा हैं. अकेले ही दोनों दिल्ली से हरिद्वार आए और अब गंगाजल भरकर वापस दिल्ली जा रहे हैं.