किरोड़ीलाल मीणा ने एसीएस शिखर अग्रवाल से की मुलाकात : आरएएस परीक्षा 2018 व 2021 भर्ती की सीबीआई जांच की मांग

जयपुर। कैबिनेट मंत्री पर से इस्तीफा दे चुके डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने सोमवार को मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल से सीएमओ जाकर मुलाकात की। उन्होंने राजस्थान राज्य लोक सेवा आयोग के मारपीट वर्ष 2018 और 2021 में हुई आरएएस भर्ती परीक्षा में आरोप लगाते हुए उनकी सीबीआई जांच की मांग की है। 

अपने पत्र में उन्होंने कहा है की आरएएस के चयन में राजनीतिक दबाव के चलते तथा अभ्यार्थियों से बडी मात्रा में पैसा लेकर आरएएस बनाए है जिसमें कई अभ्यार्थियों द्वारा खाली उत्तर पुस्तिका छोड़ने के बाद में उन्हें भराया गया, कई अभ्यार्थियों की योग्यता नहीं होने के बावजूद भी उन्हें लिखित एवं मौखिक परीक्षा में बढ-चढकर नम्बर दिए।

आरएएस 2021 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को सरकारी कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के शिक्षकों से चैक करवानी चाहिए थी, जबकि मिलीभगत कर कापियों को प्राईवेट कॉलेज के शिक्षकों से जांच कराई जिसमें अपने चहेते लोगों को बढा-चढाकर नम्बर दिये गये।एमडीएस विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति आर.पी. सिंह को आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने के समय एमडीएस विश्वविद्यालय के परीक्षा केन्द्र बनाने, शिक्षक भर्ती एवं अशैक्षणिक पदों पर भर्ती में हुई अनियमितताओं को लेकर 9.9.2020 को एसीबी ने गिरफतार भी किया था।

एमडीएस विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति आर.पी. सिंह ने आरएएस 2018 की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने का कॉर्डिनेटर प्रोफेसर शिवदयाल सिंह शेखावत को बनाया। शिवदयाल सिंह की नियुक्ति भी विवादों में रही है, इनका चयन एमडीएस यूनिवर्सिटी में जनसंख्या अध्यन केन्द्र में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ, उसके बाद पदौन्नति के बाद इसी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर बनें। परन्तु यूजीसी के नियमों को ताक में रखकर एसोसिएट प्रोफेसर से  प्रोफेसर के रूप में इनकी नियुक्ति अर्थशास्त्र विभाग में हुई। शिवदयाल सिंह शेखावत का मूल निवास लक्ष्मणगढ (सीकर) के गांव खुडी (रशीदपुरा) के निवासी है। ये शिवसिंह राठौड के खासम खास है। कॉपी चेकिंग के समय एमडीएस के विश्वविद्यालय के सीसीटीवी कैमरे बंद कर खूब घपले किए है। आरएएस 2021 में बीकानेर से सफल अभ्यर्थियों की अचानक बढोत्तरी पेपर लीक एवं सेन्टर पर नकल कराने की ओर ईशारा होता है, जोकि जांच का विषय है।

उक्तानुसार की गई अनियमितताओं का विस्तृत विवरण इस पत्र के साथ संलग्न कर आरएएस परीक्षा 2018 एवं परीक्षा 2021 की मुख्य परीक्षा पेपर लीक में पूर्व चैयरमैन शिवसिंह राठौड, संजय क्षोत्रिय एवं दीपक उप्रेती की भूमिका की विस्तृत जानकारी भी है। पत्र में वर्णित तथ्यों से लगता है कि पिछली सरकार में आरपीएससी भ्रष्टाचार में सबसे बडा अड्डा बन गई थी। जिसने योग्य युवकों के भविष्य को तबाह कर दिया तथा अयोग्य लोगों को भर्ती कर डाला जो प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र को बर्वाद कर डालेंगे। परम्परा है कि आरपीएससी चेयरमैन प्रश्न पत्र की गोपनीयता रखने की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी स्वयं के पास रखते आये हैं, परन्तु कुछ चेयरमैनों ने षडयंत्र के तहत यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आरपीएससी सदस्यों को देने लग गये, यहीं से पेपर लीक करने का भ्रष्टाचार आरम्भ हुआ। शिवसिंह राठौड की नियुक्ति (दिनांक 30 जनवरी 2016) से लेकर सेवानिवृति (दिनांक 29 जनवरी 2022) तक के कार्यकाल की गहनता से जांच होनी चाहिये। शिवसिंह राठौड के कार्यकाल में होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शिवसिंह राठौड ने तत्कालीन आरपीएससी अध्यक्षों के साथ मिलकर बडे स्तर पर धांधली की है। इनके द्वारा प्रदेश के बेरोजगार युवाओं का भविष्य योजना बद्ध तरीके से बर्वाद किया गया है।

प्रदेश की सबसे बडी प्रतियोगिता परीक्षा आरएएस/आरटीएस में ही धांधली हो रही है तो S.I, EO/RO, JEN, वरिष्ठ अध्यापक, स्कूल व्याख्याता, कॉलेज व्याख्याता आदि दर्जनों प्रतियोगिता परीक्षा में धांधली होना स्वभाविक है जो हुई भी है। S.I परीक्षा में तो SOG ने ढेर सारे लोगों को पकड़कर हवालात में डाला है।

वैसे तो इस प्रकरण में SOG जांच कर रही है लेकिन इसमें पूर्ववर्ती सरकार के बडे नेता तथा सत्तासीन बडे अफसरों का हाथ होना स्पष्ट दिखाई देता है। जांच में अगर प्रतिपक्ष के लोग सामने आये तो विरोधी SOG और आप पर उंगली उठायेंगे। अतः इस प्रकरण की जांच CBI से कराई जाए।

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