कीर्ति चक्र से सम्मानित मेजर दिग्विजय सिंह रावत ने दी सेना में भर्ती की टिप्स


श्रीनगर गढ़वाल. कीर्ति चक्र से सम्मानित मेजर दिग्विजय सिंह रावत इन दिनों अपने गृह क्षेत्र उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में हैं. मेजर रावत को उनकी वीरता और साहस के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. वर्तमान में वह 21 पैरा (स्पेशल फोर्सेस) के ट्रूप कमांडर के पद पर भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अपने गृह क्षेत्र श्रीनगर पहुँचने पर मेजर दिग्विजय सिंह रावत ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए अपने सेना के अनुभवों और युवाओं को सेना में जाने की टिप्स साझा की.

मेजर दिग्विजय सिंह रावत ने कीर्ति चक्र मिलने को लेकर बताया कि मणिपुर में एक वीआईपी का दौरा था और उस दौरान वह मणिपुर में ही तैनात थे. उन्हें एक सोर्स से जानकारी मिली कि वीआईपी की जान को खतरा है और कुछ नक्सल समूह वीआईपी पर हमला करने की योजना बना रहे हैं. इसके बाद उन्होंने तुरंत अपने अधिकारियों को इसकी सूचना दी. सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्होंने नक्सल समूह के लीडर और अन्य सदस्यों को मार गिराया और वीआईपी की जान बचाई. उनके साहस और शौर्य के लिए उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया.

श्रीनगर गढ़वाल से हुई पूरी पढ़ाई
मेजर रावत ने बताया कि उनकी हाईस्कूल तक की पढ़ाई कॉन्वेंट स्कूल श्रीनगर गढ़वाल से हुई है और इंटरमीडिएट की पढ़ाई उन्होंने केंद्रीय विद्यालय श्रीनगर से की. इसके बाद उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय में बीएससी में प्रवेश लिया. बीएससी के प्रथम वर्ष के दौरान ही वह सेना में जाने की तैयारियों में जुट गए थे. बीएससी का पहला वर्ष पूरा होते ही वह तकनीकी प्रवेश परीक्षा के जरिए सेना में शामिल हो गए. यहीं से मेजर दिग्विजय सिंह रावत का सेना में सफर शुरू हुआ.

युवाओं को दी सेना में जाने की टिप्स
मेजर रावत ने बताया कि उत्तराखंड से अधिकांश युवा सेना में जाते हैं. यहां के युवाओं का फिजिकल बेहद मजबूत होता है, जिससे उन्हें सेना में जाने में कोई कठिनाई नहीं होती. दौड़-कसरत रेग्युलर करें और शरीर को फिट रखें. नशे से दूर रहें. सेना में भर्ती के मानकों के मुताबिक शरीर को तैयार करें. इसके साथ ही युवाओं को अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान देने की जरूरत है. सेना में अधिकारी बनने के लिए वे एनडीए, सीडीएस जैसी परीक्षाएं दे सकते हैं, जिससे वे सीधे लेफ्टिनेंट या मेजर बन सकते हैं. पहाड़ों में हर परिवार से कोई न कोई व्यक्ति भारतीय सेना में होता है.

क्या होता है पैरा कमांडो?
पैरा कमांडो भारतीय सेना की एक विशेष टुकड़ी है, जो खतरनाक और मुश्किल मिशन के लिए तैयार की जाती है. इन्हें दुश्मन के इलाके में घुसपैठ, बंधक बचाव, आतंकवाद से मुकाबला और विशेष ऑपरेशनों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. पैरा कमांडो शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद मजबूत होते हैं और हर स्थिति में काम करने में सक्षम होते हैं.

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