नैनीताल. उत्तराखंड की कुमाऊं यूनिवर्सिटी से संबद्ध परिसरों, महाविद्यालयों और संस्थानों के छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षकों को ई-बुक्स की सुविधा मिलने जा रही है. इसके लिए यूनिवर्सिटी ने 450 ई-बुक्स खरीद ली हैं. इसी के साथ यह उत्तराखंड की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी है, जो शिक्षकों और छात्रों के लिए ई-बुक्स उपलब्ध करवा रही है. कुमाऊं यूनिवर्सिटी से कुल 75 महाविद्यालय और प्राइवेट संस्थानों की संबद्धता है. इन परिसरों, महाविद्यालयों और संस्थानों में 62 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. यूनिवर्सिटी और संबद्ध कॉलेजों के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और संसाधन उपलब्ध कराना यूनिवर्सिटी का उद्देश्य है. इसके लिए विश्वविद्यालय ने ‘विद्यासेतु’ की शुरुआत की है ताकि यूनिवर्सिटी अपने संबद्ध संस्थानों के छात्रों को लाभ पहुंचा सके.
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डीएस रावत ने लोकल 18 से खास बातचीत में कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय पूर्व में अपने कॉलेजों के छात्रों तक ही सीमित था लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी ने सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए विश्वविद्यालय ने ‘विद्यासेतु’ की शुरुआत की है. इसके माध्यम से यूनिवर्सिटी ने सभी विद्यार्थियों को इस तरह के प्रोग्रामों से जोड़ा है, जिसमें ई-बुक्स प्रणाली भी शामिल है.
फीडबैक लेकर शुरू की गई ई-बुक्स प्रणाली
उन्होंने कहा कि ई-बुक्स प्रणाली छात्रों के फीडबैक के बाद ही शुरू की गई है. इसके लागू होने से छात्रों को काफी सहूलियत होगी. उन्होंने खुद लाइब्रेरी में जाकर बच्चों की समस्या जानी, तो उन्हें किताबों की कमी होने का पता चला. जिसके बाद उन्होंने ई-बुक्स सिस्टम लागू करने का फैसला किया. कुमाऊं विश्वविद्यालय रेगुलर कोर्स के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की ई-बुक्स भी खरीदने वाला है. इसके लिए वह पहले परिसरों के पांच छात्रावासों के छात्रों को मांग के अनुसार हार्ड कॉपी उपलब्ध कराएगा. जिसके बाद उनसे फीडबैक लेकर प्रतियोगी ई-बुक्स खरीदेगा, जिसमें सिविल सेवा, बैंकिंग, एसएससी, राज्य स्तरीय परीक्षाओं और अन्य प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित सामग्री शामिल होगी.
छात्रों को डाउनलोड करनी होगी विद्यासेतु ऐप
कुलपति ने आगे कहा कि इसके अलावा रेगुलर कोर्स के लिए 450 ई-बुक्स विश्वविद्यालय द्वारा खरीदी जा चुकी हैं, जिसको कॉलेज में पढ़ने वाला हर छात्र अपने कोर्स के अनुसार विद्यासेतु ऐप से अपने फोन, लैपटॉप में निःशुल्क डाउनलोड कर सकता है, जिसकी अवधि 7 साल तक होगी. इस सिस्टम के लागू होने से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी. निःशुल्क पुस्तकों की उपलब्धता उन्हें पढ़ाई को व्यवस्थित और केंद्रित बनाने में मदद करेगी, साथ ही छात्रावास के माहौल को एक शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित करने में भी योगदान देगी.
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FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 13:02 IST