चिकनपॉक्स और मम्स बीमारी से बच्चे हो रहे बीमार, ऐसे करें बचाव


अल्मोड़ा: हर मौसम में विभिन्न तरीके की बीमारियां देखने को मिलती हैं. जहां बरसात के मौसम में चिकनपॉक्स और मम्स की बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है. सबसे ज्यादा ये इंफेक्शन छोटे बच्चों में देखने को मिलता है, जो एक दूसरे में जल्दी से फैलता है. ऐसे में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जिला अस्पताल में छोटे-छोटे बच्चों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है.

यदि आपके बच्चे को भी चिकनपॉक्स या फिर मम्स के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आप तुरंत जाकर डॉक्टर को दिखा सकते हैं. जिला अस्पताल अल्मोड़ा में रोजाना 5 मम्प्स के और 2 से 3 चिकनपॉक्स के मरीज यहां पर पहुंच रहे हैं, जिन्हें डॉक्टरों द्वारा देखकर उन्हें दवाइयां और उन्हें सलाह भी दी जा रही है.

बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया
अल्मोड़ा जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मनीष पंत ने बताया कि बरसात के दिनों में छोटे-छोटे बच्चों में मम्स और चिकनपॉक्स के लक्षण काफी बढ़ चुके हैं. ये दोनों ही वायरल इंफेक्शन हैं. इंफेक्शन एक दूसरे से ज्यादा फैलता है. इसके लिए बहुत भीड़ भाड़ वाले इलाकों में बच्चों को कम भेजने के लिए कहते हैं. जहां स्कूल जाने वाले बच्चों में ये फैल जाता है. यदि आपके बच्चों में मम्स या फिर चिकनपॉक्स के लक्षण हैं, तो आप उसे स्कूल न भेजें. ताकि अन्य बच्चे इसकी चपेट न आंए.

जानें कैसे ठीक होता है चिकनपॉक्स और मम्स
डॉ. मनीष पंत ने बताया कि इस वायरस इनफेक्शन को ठीक होने में करीब एक हफ्ता का समय लगता है. मम्प्स के लक्षण को देखकर इलाज किया जाता है और चिकनपॉक्स जिसे आम भाषा में माता भी कहा जाता है, यदि दाने निकलने के 24 घंटे के भीतर यदि कोई दवा खाना शुरू कर देता है, तो जल्द ही ठीक होने की उम्मीद रहती है. इन दोनों के लिए आपको डॉक्टर की सलाह से ही अपना ट्रीटमेंट करवाना चाहिए. उन्होंने बताया कि मम्स और चिकनपॉक्स का टीकाकरण भी किया जाता है.

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