सफर ने बताया कि इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी के ऊपरी छोर पर पहुंच गई थी. इसमें कहा गया है, ‘7 नवंबर की शाम से ही राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन AQI बहुत खराब श्रेणी में रहेगा.’
दीवाली पर प्रतिबंध के बावजूद पटाखे फोड़े जाने के कारण उत्तर और मध्य भारत के कई भागों समेत राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता बिगड़ी है, जिसके चलते दीवाली के अगले दिन दिल्ली में पिछले पांच साल में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, पटाखे फोड़े जाने और पराली जलाए जाने की घटनाओं के चलते पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 462 दर्ज किया गया.
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दिल्ली में वर्ष 2020 में दीवाली के अगले दिन 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 435 था जबकि 2019 में 368, 2018 में 390, 2017 में 403 और 2016 में 445 रहा था. इस साल दीवाली के दिन एक्यूआई 382 दर्ज किया गया जोकि वर्ष 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 रहा था.
इस बीच, दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पराली जलाने की घटनाओं और प्रतिबंध के बावजूद दीपावली पर पटाखे फोड़ने के कारण खराब हुई है. उन्होंने भाजपा पर दीपोत्सव पर लोगों को पटाखे फोड़ने की सलाह देने का आरोप लगाया.
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इस पर पलटवार करते हुए भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल ने कहा कि दीवाली किसी राजनीतिक दल का नहीं बल्कि हिंदुओं का त्योहार है. उन्होंने पूछा कि क्या आम आदमी पार्टी से जुड़े हिंदुओं को अपने त्योहार मनाने की अनुमति नहीं है.
प्रतिबंध को दरकिनार कर दीवाली पर पटाखे फोड़ने और पराली जलाए जाने से होने वाले उत्सर्जन का योगदान बढ़कर 36 फीसदी होने के कारण शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में आसमान में धुएं का गुबार छा गया. दिल्ली के पड़ोसी शहरों में शुक्रवार दोपहर को एक्यूआई ”गंभीर” की श्रेणी में दर्ज किया गया जो फरीदाबाद में 460, ग्रेटर नोएडा में 423, गाजियाबाद में 450, गुरुग्राम में 478 और नोएडा में 466 दर्ज किया गया.
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उल्लेखनीय है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ”अच्छा”, 51 और 100 के बीच ”संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच ”मध्यम”, 201 और 300 के बीच ”खराब”, 301 और 400 के बीच ”बहुत खराब”, तथा 401 और 500 के बीच को ”गंभीर” माना जाता है.