जयपुर। दुर्लभ बीमारी के चलते जिंदगी और मौत से जूझ रहे ढाई साल के अर्जुन को जीवनदान मिला। दरअसल, अर्जुन स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफ्री यानी एसएमपी-टाइप-1 से पीड़ित है जो कि दुर्लभ बीमारी है। पिछले साल दिसम्बर में इस बीमारी का अर्जुन के परिजनों को पता चला था। इसके बाद अब शनिवार को क्राउड फंडिंग के जरिए इस बीमारी के लिए जीवनरक्षक इंजेक्शन जो करीब 8.5 करोड़ रुपए कीमत का है, वो जेकेलोन अस्पताल में लगाया गया। अर्जुन के परिजनों ने बताया कि इतनी महंगा इलाज करवाना हमारे परिवार के लिए संभव नहीं था, लेकिन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हमें क्राउड फंडिंग के लिए समझाया जिसमें हमें हर सेक्टर से सहयोग मिला, जिससे आज इंजेक्शन लगना मुमकिन हो पाया।
समय पर नहीं लगता इंजेक्शन तो हो जाती देर
अर्जुन का इलाज कर रहे जेकेलोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ और रेयर डिजिट सेंटर के इंचार्ज डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि अर्जुन की इस बीमारी के कारण वह ठीक से बैठ भी नहीं पा रहा। चूंकि ये बीमारी दुर्लभ है, जिसके कारण इसका इलाज भी बहुत महंगा पड़ता है। इस बीमारी में कमर से नीचे का हिस्सा बिल्कुल भी काम नहीं करता है। इसका इलाज भी 24 महीने की उम्र तक ही किया जाता है। अर्जुन अब 24 महीने का है और अगर समय ज्यादा निकल जाता तो इसका इलाज भी मुश्किल हो जाता। इस इलाज के दौरान उनके साथ टीम के सदस्य डॉ. गायत्री डांगर, डॉ. लोकेश अग्रवाल और डॉ. मनीषा गोयल का भी सहयोग रहा।
शिक्षा मंत्री ने भी की मदद
अर्जुन की मां पूनम जांगिड़ शिक्षा विभाग में लैब सहायक के पद पर कार्यरत है। ऐसे में विभाग के मंत्री मदन दिलावर, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आशीष मोदी, सचिव कृष्ण कुणाल समेत विभाग के तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों और उनके परिजनों ने आर्थिक सहयोग देकर मदद की।