देहरादून के साइंटिस्ट बृजमोहन शर्मा कर रहे गजब के आविष्कार, हजारों छात्रों को दे चुके ट्रेनिंग


अरशद खान/देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रोफेसर, साइंटिस्ट डॉक्टर बृजमोहन शर्मा पर्यावरण की संजीदगी को देखते हुए लगातार नए-नए आविष्कार कर रहे हैं. उन्होंने अपने आसपास दिखाई देने वाली जरुरतों पर मुख्य रूप से इनोवेशन किए हैं. उन्होंने बताया कि हम जानकारी के अभाव में बहुत से कैमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं. उदाहरण के तौर पर होली के त्योहार में इस्तेमाल होने वाला रंग हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है, यहां तक कि मंदिरों में लगाया जाने वाला टीका, महिलाओं की मांग में भरा जाने वाला सिन्दूर भी शत प्रतिशत टॉक्सिक होता है. डॉ बृजमोहन शर्मा बताते हैं कि उन्होंने नेचुरल होली के रंग बनाए हैं जो कि फूलों और सब्जियों से बनाए गए हैं. इसी तरह माथे पर लगने वाले टीके और सिंदूर को भी नेचुरल चीजों से बनाया गया है.

1990 में शुरू की पहली बार रिसर्च

डॉक्टर बृजमोहन शर्मा ने पहली बार 1990 में पानी की गुणवत्ता को लेकर शोध शुरू किया. यह शोध उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों के साथ मिलकर किया. 1994 में उन्होंने वैज्ञानिकों का एक समूह बनाया, जिसे स्पेक्स नाम दिया. इस दौरान उन्होंने खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट को जांचने के लिए एक  किट तैयार की, जिससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता चेक की जा सकती है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार ने उनके इस इनोवेशन की सराहना की और देश के हर राज्य में छात्रों और शिक्षकों को खाद्य पदार्थ गुणवत्ता किट बनाने की ट्रेनिंग दिलाई. डॉ शर्मा बताते हैं कि चारधाम यात्रा मार्ग पर वो हर साल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता चेक करते हैं और उसकी रिपोर्ट सरकार को और जनता को पेश करते हैं.

सोलर एल.ई.डी. रीडिंग लैंप का किया अविष्कार

वॉटर प्योरीफिकेशन फिल्टर भी डॉ शर्मा और उनकी टीम का आविष्कार है, जो इंस्टेंट रिजल्ट देता है और IIT दिल्ली ने उनके वॉटर फिल्टर को प्रमाणित भी किया है. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली की किल्लत अक्सर देखने को मिलती है, जिसको ध्यान में रखते हुए बच्चों को पढ़ाई में परेशानी न हो, उसके लिए दो वाट के सोलर एल.ई.डी. रीडिंग लैंप का भी उन्होंने आविष्कार किया. उन्होंने 50,000 छात्रों को इस रीडिंग लैंप को बनाने की ट्रेनिंग भी दी है.

चैरिटी में इस्तेमाल करते हैं इनोवेशन

डॉक्टर बृजमोहन शर्मा बताते हैं कि उन्होंने आज तक अपने किसी भी इनोवेशन को बेचा नहीं है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने आविष्कारों के बारे में बताया है और घर पर उन्हें कैसे बना सकते हैं इसके लिए ट्रेनिंग दी है. डॉ शर्मा के इनोवेशन का इस्तेमाल कर कई बेसहारा और बेरोजगार लोगों को रोजगार भी मिला है. वह यह काम समाज सेवा के रूप में करते हैं और अपने इनोवेशन और ट्रेनिंग देने के लिए एक भी पैसा नहीं लेते हैं.

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