नैनीताल. 18 नवंबर को उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल का जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. 18 नवंबर 1841 को नैनीताल की खोज ब्रिटिश शराब व्यापारी पीटर बैरन ने की थी. जिसके बाद नैनीताल का नगरीकरण प्रारंभ हुआ. वहीं यहां जगह अंग्रेजों की पसंदीदा जगह थी, जिस वजह से नैनीताल को अंग्रेजों ने अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी भी बनाया था. अंग्रेजों ने यहां कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण करवाया. आजादी से लेकर अब तक इस शहर का लगातार विकास होता चला गया. मौजूदा समय में नैनीताल देश के प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है. हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक नैनीताल पहुंचते हैं.
सोमवार को नगर में नैनीताल का 183वां जन्मदिन मनाया गया. 183 साल की इस यात्रा में नैनीताल में काफी विकास हुआ है, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिला. नैनीताल पर्यटकों की पहली पसंद बना. अब यहां टूरिस्ट सीजन पूरे साल का हो गया है. पर्यटकों के पहुंचने से जहां एक तरफ रोजगार को बढ़ावा मिल रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आज हम आपको अपनी इस रिपोर्ट के माध्यम से बताएंगे कि इन मुद्दों पर नैनीताल की जनता की क्या राय है.
व्यवस्था सुधारने की जरूरत
नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि नैनीताल की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और नैनीताल में पर्यटन भी बीते सालों के मुकाबले बढ़ा है. इस वजह से नैनीताल में पार्किंग, रोड जाम की समस्या भी बढ़ी है. सरकार को इन व्यवस्थाओं को सुधारने की जरूरत है. वहीं पार्किंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और रोप-वे जैसे प्रोजेक्ट पर काम करने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी दिक्कतों का सामना न करना पड़े और सैलानियों की संख्या का नगर पर कोई नकारात्मक असर न पड़े.
नैनीताल में अवैध निर्माण पर लगे रोक
नैनीताल निवासी हेम चंद्र पांडे ने कहा कि बीते 75 सालों में अब तक उन्होंने देखा है कि नैनीताल के पहाड़ों में भूस्खलन की घटनाओं में पहले के मुकाबले कमी आई है. साथ ही हरियाली बड़ी है. लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हुए हैं, जो प्रशंसनीय है. डीएन भट्ट कहते हैं कि नैनीताल के पहाड़ों में बीते सालों में काफी निर्माण हुआ है, जिससे नैनीताल की भार धारण क्षमता में कमी आई है. नैनीताल में अवैध निर्माण को रोकना चाहिए. कैलाश चंद्र सुयाल ने कहा कि नैनीताल की पहाड़ियों में हो रहे अंधाधुंध निर्माण के कारण नगर की पहाड़ियों में भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने इसके लिए प्रशासन, राजनैतिक इच्छाशक्ति और झील विकास प्राधिकरण को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि झील विकास प्राधिकरण बनने के बाद नैनीताल में निर्माण बेलगाम हो गया और भवनों, मल्टी स्टोरेज बिल्डिंगों का काफी निर्माण हुआ.
रोड चौड़ीकरण और पार्किंग का निर्माण
नैनीताल निवासी और सांसद प्रतिनिधि गोपाल रावत ने कहा कि आजादी के बाद से नैनीताल का काफी विकास हुआ है और नैनीताल राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंर्तराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बनकर उभरा है. नैनीताल में राजभवन, उच्च न्यायालय, कुमाऊं मंडल का मुख्यालय, कमिश्नरी समेत कई अन्य संस्थाएं स्थित हैं. साथ ही नैनीताल नगर के पास नीम करौली बाबा के कैंची धाम की बढ़ती लोकप्रियता के कारण नैनीताल में पर्यटक काफी संख्या में पहुंच रहे हैं, जिसके कारण जाम जैसी समस्याएं स्वाभाविक हैं. इसके निराकरण के लिए सरकार द्वारा रोड चौड़ीकरण और पार्किंगों का निर्माण किया जा रहा है. नैनीताल निवासी मनोज पवार ने कहा कि नैनीताल में इस दिनों सौन्दर्यीकरण का काम चल रहा है. नैनीताल लगातार विकास की ओर अग्रसर है. वहीं बीते सालों में नैनीताल की सड़कों को सुधार गया है, साथ ही नगर की अन्य जगहों से कनेक्टिविटी में भी सुधार किया गया है, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिला है.
नैनीताल ने बनाई अंर्तराष्ट्रीय पहचान
नैनीताल निवासी डीएसबी कॉलेज के प्रोफेसर ललित तिवारी ने कहा कि 183 सालों की इस यात्रा में नैनीताल ने अंर्तराष्ट्रीय पहचान बनाई है. यहां का वातावरण और वन संपदा अभी तक काफी समृद्ध हैं. इन 183 सालों में जहां एक तरफ नैनीताल का विकास हुआ है, तो वहीं कई समस्याएं भी सामने आई हैं. नैनीताल में औसत क्षमता से ज्यादा लोग रहने लगे हैं, जिसका असर नैनीताल की भार धारण क्षमता पर पड़ा है. नैनीताल में बढ़ते पर्यटन के कारण गाड़ियों का दबाव भी बढ़ा है, जिससे यहां के पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. एक समय में अपने स्कूलों के लिए पहचाने जाने वाले नैनीताल की प्रतिस्पर्धा में बड़े-बड़े शहर आए हैं और शहरों में बड़े-बड़े स्कूलों का निर्माण हुआ है. स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में नैनीताल के दो अस्पतालों का सफर भी काफी अच्छा रहा है लेकिन वर्तमान में सिर्फ एक बीडी पांडे जिला अस्पताल में ही स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो नैनीताल की बढ़ती जनसंख्या के लिए उपयुक्त नहीं हैं. वहीं अब दो नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को नगर में खोले जाने की सरकार की योजना है, जिसके बाद स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आने की उम्मीद है.
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FIRST PUBLISHED : November 19, 2024, 12:27 IST