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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते में तनाव चरम पर है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देश अब जंग के मुहाने पर आ गए है. LOC पर पाकिस्तान की ओर से लगातार फायरिंग हो रही है. भारतीय सेना भी जवाबी कार्रवाई कर रही है. लेकिन सीमाई इलाकों में हो रही फायरिंग से वहां आस-पास में रहने वाले लोगों का जीवन मुश्किल में आ गया है. पाकिस्तान की ओर से कई गई फायरिंग में जम्मू-कश्मीर के पूंछ में 10 लोगों की मौत हो गई. सेना के एक अधिकारी भी इस गोलीबारी में शहीद हो गए. पाकिस्तान से तनाव और सीमापार से लगातार हो रही फायरिंग को देखते हुए अब सीमाई इलाकों के ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर मूव कर रहे हैं. 

पंजाब के सभी सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट

इधर पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने बुधवार को कहा कि पंजाब के सभी सीमावर्ती जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. अरोड़ा ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमलों की सराहना की और कहा कि सभी तीन करोड़ पंजाबी सेना के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं.

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘जब भी देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरा होता है, तो पंजाबी हमेशा आगे आते हैं, यहां तक कि अपनी जान भी कुर्बान कर देते हैं.’

पंजाब में 532 किलोमीटर लंबा पाकिस्तान बॉर्डर 

अरोड़ा ने कहा, ‘पंजाब पाकिस्तान के साथ 532 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. इसलिए किसी भी सैन्य तनाव के दौरान पंजाब सरकार की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है. सीमा के निकट सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जनता की सुरक्षा के लिए सरकार ने सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.’

इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एसबीएस नगर जिले और जालंधर में बुधवार को होने वाले अपने नशा विरोधी कार्यक्रम स्थगित कर दिए. अरोड़ा ने कहा कि रक्षा की दूसरी पंक्ति के रूप में पंजाब पुलिस भी पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, ‘पंजाब पुलिस भारतीय सेना को पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है तथा भविष्य की तैयारियों पर मिलकर काम कर रही है.’

पंजाब के कुछ सीमावर्ती गांवों के लोगों ने सुरक्षित स्थानों का रुख किया

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पंजाब के फिरोजपुर जिले के कुछ सीमावर्ती गांवों के लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना शुरू कर दिया है. हालांकि पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित अमृतसर व तरनतारन के गांवों में स्थिति शांत है और लोग रोजमर्रा के अपने काम करते नजर आए.

भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद सख्त जवाबी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किये, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं.

इस बीच, अमृतसर और बटाला में कई लोगों ने दालें, खाना पकाने का तेल, गेहूं का आटा, चीनी और नमक जैसी किराने की वस्तुओं की घबराहट में खरीदारी की. लोग थोक खरीद के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर और किराने की दुकानों पर कतार में खड़े देखे गए. अमृतसर में कई लोग ईंधन पंपों पर लाइन में खड़े दिखे.

फिरोजपुर के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपना सामान स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है, हालांकि सीमा सुरक्षा बल, भारतीय सेना या किसी भी सरकारी एजेंसी ने इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिया है.

उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्णय उन्होंने स्वंय लिया है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए. फिरोजपुर के टेंडी वाला, कालू वाला, गट्टी राजो के, झुग्गे हजारा, नवी गट्टी राजो के, गट्टी रहीमे के, चांडीवाला, बस्ती भानेवाली, जल्लो गांव के लोग सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण ले रहे हैं.

ममदोट क्षेत्र के गांव बबम्मा हाजी निवासी कक्कू सिंह (63) ने बताया कि वह कालू वाला में विवाहित अपनी दो बेटियों से मिलने आए थे. उल्लेखनीय है कि कालू वाला गांव तीन तरफ से सतलुज नदी से तथा चौथी तरफ से पाकिस्तान से घिरा हुआ है.

कक्कू सिंह ने कहा, ‘‘सुबह-सुबह जब मैंने भारत की कार्रवाई की खबर सुनी तो मुझे अपनी बेटी और उनके परिवार की चिंता हुई. अब मैं यहां सिर्फ उनसे मिलने ही नहीं आया हूं बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहता हूं कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तो वे मेरे साथ मेरे गांव चलें.”

टेंडी वाला गांव की बुजुर्ग महिला पाछो बाई (58) अपनी बहू के साथ कपड़े बांध रही थीं. बाई ने कहा कि उन्हें चिंता हो रही है क्योंकि उनका घर अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ दो किमी दूर है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे परिवार में छह लोग हैं. मेरा पति और बेटा अभी काम पर गए हैं, लेकिन हम जल्द ही किसी रिश्तेदार के घर जाने के बारे में सोच रहे हैं. इसलिए मैं सामान बांध रही हूं.”

कुछ ग्रामीण अपना सामान जैसे बिस्तर, कूलर, वाशिंग मशीन, फ्रिज, अनाज रखने वाले ‘कंटेनर’ ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर लादकर अपने रिश्तेदारों के पास ले जाते हुए नजर आए.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता अमरिंदर सिंह ने आतंकी ठिकानों पर भारतीय हमले की सराहना की. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘देश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को नहीं बख्शेगा.’

उन्होंने कहा, ‘उन्हें सजा दी गई है, जैसा कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ने भी स्वीकार किया है, जो खुद तो बच निकला, लेकिन उसने अपने परिवार के कई सदस्यों को खो दिया.’ हालांकि पूर्व सैन्य अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि वह नहीं चाहते कि दोनों देशों के बीच शत्रुता बढ़े.

इस बीच कई ग्रामीण ऐसे भी हैं जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद अपना हौसला बनाए हुए हैं. टेंडी वाला गांव के सुरजीत सिंह ने कहा कि उन्हें भारतीय सेना पर गर्व है. फिरोजपुर की उपायुक्त दीपशिखा शर्मा ने बुधवार को कहा कि जिले में अभी तक घबराने की कोई बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि न तो सेना और न ही जिला प्रशासन ने सीमावर्ती गांवों को खाली कराने के लिए कोई निर्देश जारी किया है तथा उन्होंने आश्वासन दिया कि पूरा प्रशासन पूरी तरह सतर्क और तैयार है. अमृतसर और तरनतारन जिलों के सीमावर्ती गांवों में स्थिति शांत है.

तरनतारन के सीमावर्ती गांव चिन्ना बिधि चंद के निवासी गुरमीत सिंह ने बताया कि गांव में किसी तरह की दहशत नहीं है. स्कूल बंद होने के कारण बच्चे अपने घरों में हैं. तरनतारन के सीमावर्ती गांव नौशहरा ढल्ला के रहने वाले सुच्चा सिंह ने कहा कि लोग अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त हैं और किसान अपने खेतों में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी सरकारी अधिकारी ने लोगों को उनके घरों को छोड़ने या सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए नहीं कहा है.

तरनतारन जिले के सीमावर्ती गांव के एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि किसी ने उन्हें घर छोड़ने के लिए नहीं कहा. ग्रामीण ने कहा, ‘‘गांव में स्थिति शांतिपूर्ण है.”अमृतसर जिले के अटारी, महावा, पुल मोहरा और भिखविंड के सीमावर्ती गांवों में भी स्थिति शांत नजर आई.

अटारी में एक ग्रामीण ने बताया कि उन्हें दूसरी जगहों से रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं और वे स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि स्थिति शांतिपूर्ण है और वे बिल्कुल भी डरे हुए नहीं हैं.

हालांकि, जिन किसानों के खेत कंटीले तारों वाली बाड़ से परे हैं, उन्हें अपने खेतों में जाने की अनुमति नहीं दी गई है, क्योंकि अमृतसर और तरनतारन जिलों की सभी सीमाओं (भारत-पाकिस्तान से जुड़ी सीमा) पर गेट बंद हैं. इस बीच, लोग अपने वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर कतारों में खड़े हुए नजर आए.

अमृतसर हवाई अड्डे के निदेशक ने लिखित रूप से बताया कि सभी वाणिज्यिक/नागरिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन 10 मई सुबह 5.30 बजे तक निलंबित कर दिये गये हैं. अमृतसर में उपायुक्त के आदेश पर सभी शिक्षण संस्थान बंद रहे. इसी बीच, लोग अपने वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर कतारों में खड़े हुए नजर आए.

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