पिथौरागढ़ (विजय उप्रेती) : टेरिटोरियल आर्मी भर्ती पिथौरागढ़ पर भारी पड़ गई है. भर्ती में आए युवाओं के हुजूम ने सभी इंतजामों को नाकाफी साबित कर दिया है. हालात ये हैं कि स्कूल, हॉल, बसें, दर्जनों लंगर भी इन युवाओं के लिए कम पड़ रहे हैं. हजारों की तादात में पहाड़ी सिटी में पहुंचे युवाओं के चलते सबकुछ ठप सा हो गया है. युवाओं की भीड़ का आलम इस वाकये से भी आंका जा सकता है कि युवा बसों की डिग्गी तक में बैठकर यहां पहुंचे हैं. आइये पढ़ते हैं यह रिपोर्ट.
दरअसल, पिथौरागढ़ में 12 से 27 नवबंर तक टेरिटोरियल आर्मी की भर्ती चल रही है. शुरू में तो यहां सबकुछ ठीक-ठाक रहा है, लेकिन जैसे ही यूपी के युवाओं ने उत्तराखंड का रूख किया, सबकुछ पटरी से उतर गया. युवाओं की भीड़ ने हल्द्वानी, टनकपुर और पिथौरागढ़ को जाम कर डाला.
नतीजा ये रहा कि मैदान से पहाड़ पहुंचने के लिए सैकड़ों बसें भी नाकाफी साबित हुई हैं. सेना में शामिल होने का सपना सजाए युवाओं को एक साथ कई दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है. एक तरफ जहां गाड़ियों के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं, वहीं सोने और खाने के भी लाले पड़े हैं.
एकाएक आई हजारों की भीड़ ने प्रशासन की नाक में दम कर डाला है. यही नहीं, सेना को भी युवाओं को कंट्रोल करने में ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. भर्ती स्थल पर मची भगदड़ के कारण कई युवाओं को चोटें भी आई हैं. युवाओं के रहने के लिए प्रशासन ने 16 से अधिक स्कूल खाली करवाएं हैं. यही नहीं इनकी वापसी के लिए सौ से अधिक बसें भी बाहरी जिलों से मंगवाई हैं, जबकि खाने के लिए दर्जनों लंगर जगह-जगह लगे हैं. फिर भी भीड़ का आलम ये है कि सबकुछ नाकाफी हो रहा है.
हजारों युवाओं को कंट्रोल करना सुरक्षा एजेंसियों के सिरदर्द तो साबित ही हो रहा है, साथ ही इनके लिए जरूरी सुविधाएं जुटाना भी खासा मुश्किल हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 18:42 IST