बागेश्वर. उत्तराखंड के कई पर्वतीय इलाकों में अक्सर देखा जाता है कि कला विषय महज कॉपी-किताबों तक ही सीमित रह जाता है, लेकिन बागेश्वर के एक स्कूल शिक्षक ने कमाल कर दिखाया है. वह स्कूल की छात्राओं को 3D पेंटिंग बनाना सिखा रहे हैं. जिले के भेंटा स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में तीन साल से सेवाएं दे रहे कला शिक्षक नवीन गढ़िया ने 3D पेंटिंग से पूरे स्कूल की सूरत ही बदल दी है. उन्होंने छात्राओं के साथ मिलकर स्कूल की दीवारों को जीवंत रूप दिया है. इस पहल के माध्यम से स्कूल की सुंदरता बढ़ने के साथ ही छात्राओं में रचनात्मकता और कल्पना शक्ति जागृत हो रही है.
लोकल 18 से बातचीत करते हुए कला शिक्षक नवीन गढ़िया बताते हैं कि वह इस स्कूल में तीन साल से कार्यरत हैं. वह छात्राओं को 3D पेंटिंग बनाना सिखा रहे हैं ताकि लड़कियों को करियर का एक ऑप्शन मिल सके. पहाड़ी इलाकों में कई बार ऐसा देखा जाता है कि छात्राओं को पर्याप्त मौके नहीं मिल पाते हैं, लेकिन उनकी कोशिशों से स्थानीय लड़कियां अब थ्री डी पेंटिंग जैसी मुश्किल कला को आसानी से बना रही हैं. वह बताते हैं कि जो लड़कियां पहले पेंसिल भी ठीक से नहीं पकड़ पाती थीं, अब वह सुंदर और सटीक थ्री डी डिजाइन तैयार कर रही हैं और नए-नए डिजाइन बनाने से स्कूल की लड़कियों का आत्मविश्वास बढ़ रहा है. इस कला से वह भविष्य में आसानी से आत्मनिर्भर बन सकेंगी.
कला से करियर की दिशा आसान
शिक्षक नवीन गढ़िया का मानना है कि थ्री डी पेंटिंग एक ऐसी कला है, जो लड़कियों को कला क्षेत्र में कई करियर विकल्प दे सकती है. उन्होंने कहा कि थ्री डी आर्ट की मदद से भविष्य में ग्राफिक डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग और अन्य आधुनिक क्षेत्रों में रोजगार के मौके लड़कियों को मिल सकते हैं. इस पहल से स्थानीय लोग और अभिभावक भी बेहद खुश हैं. अभिभावकों का कहना है कि उनकी बेटियां अब नए कौशल सीख रही हैं, जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल होगा. स्कूल की लड़कियों में भी इस पहल को लेकर काफी उत्साह है. वह बहुत ही मेहनत और लगन से इस कार्य को करती हैं.
कला शिक्षक बने प्रेरणा स्रोत
नवीन गढ़िया जैसे शिक्षक जो अपने दायित्व से आगे बढ़कर बच्चों के भविष्य को नई दिशा दे रहे हैं, समाज के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं. उनका यह प्रयास न केवल बागेश्वर बल्कि अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक बेहतरीन उदाहरण है. थ्री डी पेंटिंग जैसी कला को ग्रामीण क्षेत्रों की छात्रों तक पहुंचाना सराहनीय कदम है. यह पहल बच्चों को रचनात्मकता का नया आयाम सिखा रही है. साथ ही उन्हें आत्मनिर्भरता और करियर के नए मौके दे रही है. ऐसी पहल कला और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है.
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FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 14:49 IST