पानी-बिजली आमने सामने, बार-बार नोटिस के बाद भी विभागों में नहीं बन रही बात, कहां से आएंगे 18 करोड़


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Pithoragarh News: जारी फाइनेंशियल ईयर खत्म होने की दहलीज पर है. लेकिन पिथौरागढ़ में बिजली विभाग के लिए सबसे अधिक दिक्कत सरकारी विभागों ने खड़ी की है. महकमें ने 31 मार्च तक पूरी वसूली का टारगेट लिया है. लेकिन सर…और पढ़ें

बकाया बिजली बिल को लेकर विभाग आमने-सामने.

हाइलाइट्स

  • जल विभाग पर 18 करोड़ का बिजली बिल बकाया है.
  • नगर निगम पर 75 लाख का बिजली बिल बकाया है.
  • शिक्षा विभाग पर 8 लाख 20 हजार का बिजली बिल बकाया है.

पिथौरागढ़ः उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में दो विभाग आमने सामने आ गए हैं. जल विभाग पर करोड़ों रुपयों का बिजली बिल बकाया है. विद्युत आपूर्ति विभाग के बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी बकाया बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है. जबकि फाइनेंशियल ईयर खत्म होने पर आ गया, लेकिन 18 करोड़ रुपए के बिल का भुगतान नहीं किया जाना, विभागों के लिए सिरदर्द बना हुआ है.

हर विभाग चाहता है कि फाइनेंशियल ईयर खत्म होने से तक उसके बही-खाते पटरी पर आ जाएं. इसके लिए बकायदा सभी सरकारी महकमे मार्च के महीने में रात-दिन एक किए रहते हैं, लेकिन पिथौरागढ़ बिजली विभाग के बही-खातों को सरकारी विभाग ही पटरी से उतारने में लगे हैं. हालात ये हैं कि फाइनेंशियल ईयर खत्म होने की कगार पर है, फिर भी कई विभागों पर बिजली विभाग का कई करोड़ रूपया बकाया है.

बिजली विभाग का सबसे ज्यादा बिल बकाया है जल निगम और जल संस्थान पर है. इन दोनों विभागों ने बिजली विभाग को 18 करोड़ 2 लाख का बिल देना है. वहीं दूसरे नबंर पर नगर निगम है. निगम पर भी बिजली विभाग का 1 करोड़ 20 लाख रूपया बकाया था. नोटिस मिलने के बाद निगम ने 45 लाख रूपया जमा करा दिया है. लेकिन अभी भी निगम पर 75 लाख का बकाया है. इस फेहरिस्त में शिक्षा विभाग भी शामिल है. शिक्षा विभाग पर भी 8 लाख 20 हजार का बिजली का बिल बकाया है. वहीं कलेक्ट्रेट सहित पुलिस और हेल्थ डिपार्टमेंट नोटिस मिलने के बाद अपना बिल जमा कर चुके हैं.

जल निगम और जल संस्थान को करोड़ों का कर्जदार लिफ्टिंग पेयजल योजनाओं ने बनाया है. असल में जिले में दर्जनों लिफ्टिंग पेयजल योजनाएं चल रही हैं. जिन पर बिजली की खपत भी काफी होती है. ऐसे में अब दोनों विभागों ने 18 करोड़ से अधिक के बिल को भरने की जिम्मेदारी अपने-अपने हेड ऑफिस पर डाल दी है. विभाग बिलों को भरने में जिस तरह की कछुआ चाल चल रहे हैं, उससे बिजली विभाग का टारगेट जरूर गड़बड़ा रहा है.

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