जयपुर। प्रदेश में छात्रसंघ चुनावों को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमचंद बैरवा के बयान से स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे। बैरवा ने कहा कि फिलहाल राजस्थान में शिक्षा का स्तर को सही करना और गुणवत्ता बढ़ाना ही प्राथमिकता है। चुनाव को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। इस बारे में सरकार ही उचित निर्णय लेगी। मंत्री के बयान के बाद छात्रों में विरोध और बढ़ गया है।
बैरवा ने छात्रसंघ के चुनाव पर कहा कि छात्रसंघ चुनाव को लेकर कोई फैसला मैंने नहीं लिया है। इस पर अंतिम फैसला सरकार ही करेगी। फिलहाल हम स्टाफ की कमी दूर करने में जुटे हुए हैं। राजस्थान में शिक्षा के स्तर में सुधार करने के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना ही मेरी प्राथमिकता है। इससे पहले भी बैरवा अपने बयान में चुनाव के लिए पूर्व सरकार का हवाला देते हुए कह चुके हैं कि छात्रसंघ चुनाव ना तो ही भाजपा की सरकार ने कराए थे और ना ही हमारी सरकार ने रोक लगाई है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो सरकार इस साल छात्रसंघ चुनाव कराने के मूड़ में नहीं है। लिहाजा सरकार अभी कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं करेगी।
नोटिफिकेशन जारी होने का समय निकला
उच्च शिक्षा विभाग के वार्षिक कैलेण्डर में जुलाई से दो सितम्बर के बीच छात्रसंघ चुनाव आयोजन के साथ ही छात्रसंघ पदाधिकारी कार्यालय के उद्घाटन का समय दिया गया था, लेकिन सरकार ने अभी तक चुनाव प्रक्रिया को कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया,जबकि चुनाव से 21 दिन पहले सरकार नोटिफिकेशन जारी करती है। अब दो सितम्बर के समय बीत जाने के बाद नोटिफिकेशन जारी होने की संभावना खत्म सी हो गई है। वहीं, एनएसयूआई राष्टÑीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा है कि सरकार की छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने की मंशा का पता चल रहा है। अब तक भाजपा सरकार छात्रों को गुमराह कर रही थी, लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे और एनएसयूआई प्रदेशभर में इसका विरोध करेगी। एबीपीवी राजस्थान इकाई ने भी विरोध जताते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ने भी कांग्रेस की तरह छात्रों की आवाज दबाने का काम किया है,जिसका खामियाजा सरका को भुगतना पड़ेगा।