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डॉ राजकुमार (डी. यू. एम) ने कहा कि नीम एक ऐसा वृक्ष है जिसे भारत में ‘विलायती वैद्य’ भी कहा जाता है. इसकी पत्तियों, छाल और तेल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और कीट प्रतिरोधक गुण होते हैं. नीम की पत्तियों में जो …और पढ़ें
मच्छरों के लिए दुश्मन हैं नीम के पत्ते.
ऋषिकेश: आज के समय में जब डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे मच्छरजनित रोग हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करते हैं, खासकर छोटे बच्चों को, तब हर माता-पिता की पहली चिंता होती है – अपने बच्चों को इन बीमारियों से कैसे सुरक्षित रखा जाए. बाजार में मौजूद महंगे मच्छर भगाने वाले रासायनिक उत्पाद अक्सर बच्चों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं या उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं. ऐसे में प्रकृति का दिया हुआ एक बेहद साधारण लेकिन प्रभावी उपाय नीम के रूप में हमारे पास मौजूद है. नीम को आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा में वर्षों से कीट-नाशक, जीवाणुरोधी और रोग प्रतिरोधक के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है.
बच्चों की जेब में नीम मच्छर पर भारी
लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित कायाकल्प हर्बल क्लिनिक के डॉ राजकुमार (डी. यू. एम) ने कहा कि नीम एक ऐसा वृक्ष है जिसे भारत में ‘विलायती वैद्य’ भी कहा जाता है. इसकी पत्तियों, छाल और तेल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और कीट प्रतिरोधक गुण होते हैं. नीम की पत्तियों में जो कड़वाहट और गंध होती है, वह मच्छरों के लिए असहनीय होती है. यही कारण है कि पुराने समय से लोग नीम की पत्तियों को जलाकर धुआं करते थे या बिस्तर के पास रख देते थे ताकि मच्छर पास न आएं.आज के संदर्भ में जब बच्चों को स्कूल, पार्क या ट्यूशन भेजना होता है, तो उनकी जेब में कुछ ताज़े नीम के पत्ते रखना एक बेहद सरल और प्रभावी उपाय बन सकता है. नीम की गंध बच्चों के चारों ओर एक नेचुरल सुरक्षा कवच की तरह काम करती है. मच्छर पास आने से कतराते हैं और बच्चे बिना किसी रासायनिक दवा के प्राकृतिक रूप से सुरक्षित रहते हैं.
नीम के तेल का भी कर सकते हैं इस्तेमाल
नीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक है. इसमें किसी प्रकार का हानिकारक रसायन नहीं होता. यही कारण है कि इसका उपयोग बच्चों पर बिना किसी डर के किया जा सकता है. नीम की पत्तियां त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचातीं, न ही इससे किसी प्रकार की एलर्जी होती है. यदि और भी अधिक सुरक्षा की आवश्यकता हो, तो नीम के तेल का भी उपयोग किया जा सकता है.
तेल इस्तेमाल करने से भी नहीं लगेंगे मच्छर
नीम के तेल को किसी नारियल तेल में मिलाकर शरीर के खुले हिस्सों पर लगाया जाए, जैसे हाथ-पैर, गर्दन आदि, तो मच्छर कई घंटे तक दूर रहते हैं. यह उपाय विशेष रूप से उन बच्चों के लिए उपयोगी हो सकता है जो देर तक बाहर खेलने या स्कूल में रहते हैं.इस देसी नुस्खे की खासियत यह है कि यह सस्ता, सुरक्षित और सुलभ है. गांवों में आज भी लोग नीम के पत्तों को तकिए के नीचे रखते हैं, कपड़ों में बांधते हैं या दरवाजे पर टांगते हैं ताकि मच्छर घर में न घुसें. नीम का यह गुण आज भी उतना ही प्रभावी है जितना सदियों पहले था.
Prashant Rai is a seasoned journalist with over seven years of extensive experience in the media industry. Having honed his skills at some of the most respected news outlets, including ETV Bharat, Amar Ujala, a…और पढ़ें
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