बच्चों ने स्कूलों के खोलने को लेकर सांसदों से लगाई गुहार, अपनी मांगों की सूची सौंपी

बच्चों ने महामारी के दोरान आई चुनौतियों को लेकर अपने अनुभव साझा किए

नई दिल्ली :

विश्व बाल दिवस (World Children’s day) के मौके पर बच्चों के एक समूह ने शनिवार को स्कूलों (Schools) को सुरक्षित ढंग से खोलने और डिजिटल फासले (डिजिटल डिवाइड) (Digital Divide) जैसे विषय पर सांसदों (MPs) के समक्ष अपनी मांगों की सूची रखी.‘पार्लियामेंटियन्स ग्रुप फॉर चिल्ड्रेन’ (पीजीसी) ने डिजिटल बाल संसद का आयोजन किया जिसमें पीजीसी (PGC) के प्रमुख गौरव गोगोई एवं इसके संयोजक संजय जायसवाल और हिना गावित समेत 35 सांसद शामिल हुए. देश के 16 राज्यों के 1500 बच्चों का प्रतिनिधित्व करते हुए 14 बच्चों ने कोरोना महामारी के बाद पैदा हुए हालात में पढ़ाई के नुकसान और सामने आ रही चुनौतियों को लेकर अपने अनुभव साझा किए.

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बच्चों ने सांसदों के समक्ष अपनी मांगों की जो सूची रखी उसमें स्कूलों को सुरक्षित खोलने पर ध्यान देने, ऑनलाइन पढ़ाई तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने, पाठ्यक्रम का आकार कम करने और बच्चों के लिए टीकाकरण को प्राथमिकता देने की मांगें प्रमुख हैं. दिल्ली की 15 वर्षीय छात्रा कृतिका ने कहा, ‘‘मेरे साथियों और मुझे पढ़ाई को लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। आज हम सांसदों का धन्यवाद करते हैं कि वे हमारी मांगें सुनने के लिए मौजूद हैं.”

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बच्चों का स्वागत करते हुए लोकसभा सदस्य गोगोई ने कहा, ‘‘विश्व बाल दिवस हमें बच्चों की उम्मीदों, सपनों और अकांक्षाओं को पूरा करने से जुड़ी हमारी प्रतिबद्धता और कर्तव्य की याद दिलाता है.’

गौरतलब है कि कोरोना काल में करीब डेढ़ साल तक पूरे देश भर में बच्चों के स्कूल बंद रखे गए. उसके बाद वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर में स्कूल फिर से बंद कर दिए गए हैं.

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