बरसात में टूटा था सालों पुराना पुल, 5 माह बाद भी मरम्मत न होने पर परेशान व्यापारी



देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए लगातार सरकार काम कर रही है, वहीं राजधानी के गढ़ी कैंट क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले डाकरा बाजार को शहर से जोड़ने वाला पुल बरसात में टूट गया था लेकिन 5 महीने बीत जाने के बावजूद भी इस पर काम नहीं हो पाया है.

मुख्यमंत्री आवास और राजभवन से महज कुछ ही  किलोमीटर दूरी पर स्थित इस पुल पर सिर्फ दो पहिया वाहन ही चलाई जा सकते हैं जबकि चार पहिया वाहनों के चलने की यहां व्यवस्था नहीं है. यहां कोई एंबुलेंस भी नहीं आ पाती है और न ही स्कूल बस, इसके अलावा बाजार के व्यापारिक इस वजह से परेशान है क्योंकि माल लाने वाले वाहन यहां तक नहीं पहुंच सकते हैं. व्यापारियों ने नया साल काले दिवस के रूप में मनाया और अब चक्का जाम की चेतावनी दे रहे हैं.

डाकरा बाजार के 73 वर्षीय व्यापारी अनुसूया घिल्डियाल ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा है कि वह बचपन से ही इस पुल को देख रहे हैं, यह पुल बहुत साल पुराना है. उन्होंने बताया कि हमने अपने स्थानीय विधायक को इसकी जानकारी दी लेकिन विधायक देखने तो आए, इस पर काम नहीं हुआ. यह पुल कैंट बोर्ड के अंतर्गत आता है, कैंट बोर्ड की ओर से बजट का रोना रोया जाता है. उन्होंने बताया कि डाकरा बाजार में कोई सार्वजनिक शौचालय भी नहीं है जिसके चलते व्यापारी और ग्राहकों को बहुत दिक्कत होती है.

डाकरा निवासी रामबाबू का कहना है कि यहां न कोई बड़ी गाड़ी आ सकती है और न ही यहां कोई स्कूल बस आ सकती है. स्कूली बच्चों को गढ़ी कैंट बाजार होते हुए जाना पड़ता है जिसके लिए उन्हें एक घंटा पहले निकालना पड़ता है. उन्होंने बताया कि उनकी सांसद भी यहां देखने के लिए नहीं आती है और स्थानीय विधायक सिर्फ चुनाव के वक्त मतदान के लिए आते हैं.

स्थानीय व्यापारी सुनील चंद ने बताया कि पहले त्योहार पर उनकी बहुत ज्यादा बिक्री हो जाती थी लेकिन अब पुल टूट जाने के बाद से यहां का बाजार खत्म हो गया है. बरसात के बाद रक्षाबंधन, दिवाली जैसे त्योहारों पर भी यहां ग्राहक ज्यादा नहीं आए और नए साल पर भी कारोबार ठप्प पड़ा है. आर्मी क्षेत्र से लोग यहां खरीदारी करने के लिए आते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. उन्होंने बताया कि पहले तो दो पहिया वाहन भी नहीं चल रहे थे पैदल ही आना पड़ रहा था लेकिन अब दो पहिया वाहन ही इसमें से गुजर पा रहे हैं.

डाकरा बाजार व्यापार मंडल के महामंत्री मनीष गुप्ता ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा है कि नए साल को डाकरा बाजार के व्यापारियों ने काले दिवस के रूप में मनाया क्योंकि यहां काम ठप्प होने के चलते व्यापारी दुकानें बंद करने को मजबूर हैं. उन्होंने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बताया कि हम जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक के पास पिछले 5 महीने से भटक रहे हैं लेकिन अभी तक इस पर कोई काम नहीं हुआ है, इसलिए हम आने वाले कुछ दिनों में चक्का जाम करने वाले हैं. हमने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है. बुजुर्ग व्यापारी रामशरण अग्रवाल ने बताया कि पिछले 40 सालों से वह इस बाजार में अपनी दुकान लगा रहे हैं लेकिन कभी भी उन्होंने इस तरह खाली बाजार नहीं देखा है. पुल के क्षतिग्रस्त होने से उनके पास माल नहीं आ पा रहा है. पहले सिटी बस आदि यहां से गुजरती थी वह अब बहुत दूर पहले ही उतार देती है जिससे हम लोगों को बहुत पैदल चलना पड़ता है. उन्होंने बताया कि उनका धंधा बिल्कुल खत्म हो चुका है. उन्होंने सीएम हेल्पलाइन नंबर से लेकर पीएमओ तक इसके लिए शिकायत पत्र दिया है लेकिन हमें सिवाय मायूसी के कुछ और नहीं मिला. महेंद्र कुमार बताते हैं कि उनके क्षेत्र से मुख्यमंत्री आवास और राजभवन दो किलोमीटर दूरी पर ही स्थित है लेकिन हमें लगता है कि हम सभी अधिकारियों की पहुंच से दूर हैं. हम लोगों को बहुत परेशानियां हो रही है क्योंकि हमें गढ़ी के रास्ते से जाने पर दो-दो घंटे जाम में फंसे रहना पड़ता है.

एंबुलेंस के पहुँचने के लिए भी नहीं है रास्ता

डाकरा के स्थानीय निवासी विनय गुप्ता ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने से सिर्फ व्यापारी ही नहीं यहां रहने वाले लोगों को भी बहुत परेशानी होती है. यहां न ही एम्बुलेंस आ सकती है. अगर किसी की तबीयत खराब होती है तो जो रास्ता 15 मिनट में तय हो सकता था उसके लिए 2 घंटे के जाम वाले रास्ते से गुजरकर यहां आना पड़ता है. यहां छोटे स्कूली बच्चों को बहुत दूर पैदल चलकर जाना पड़ता है. नजदीक में पेट्रोल पंप नहीं है जिसके चलते हमें दूर जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में ज्यादातर आर्मी रिटायर लोग रहते हैं जो चार पहिया वाहनों से सफर करते हैं लेकिन यहां वह नहीं आ पा रहे हैं और बाजार के संपर्क से दूर हैं.

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