जयपुर। विधानसभा में शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान भाजपा विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने कहा कि भैरोसिंह शेखावत से लेकर वसुंधरा राजे सरकार तक ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों की संख्या बढ़ाने के साथ ही स्कूलों को क्रमोन्नत करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में भी शिक्षा को मजबूत करने का काम किया, लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस राज में शिक्षा का स्तर गिरता गया और रैंकिंग में 50% जिले पीछे हो गए। साथ ही एक लाख शिक्षकों के पद रिक्त हो गए, स्कूलों में 6 लाख तक नामांकन कम हो गया।
कई स्कूलों के हालात इस कदर हो गए थे कि एक शिक्षक और एक प्रोफेसर के भरोसे ही स्कूल चला। शिक्षा कैलेंडर के हिसाब से कांग्रेस राज में पढ़ाई तक नहीं हुई, जिससे बच्चों का स्तर कमजोर हो गया, कोर्स पूरे नहीं होने से बच्चों के लिए उच्च शिक्षा में मुसीबत खड़ी हो गई। आनन फानन में अंग्रेजी स्कूल खोल दिए गए, जो बच्चों के लिए एकदम से नई मुसीबत खड़ी हो गई, बिना अंग्रेजी शिक्षकों के बिना बच्चों को पढ़ाई करवाए कौन ? भाजपा सरकार में खोले गए मॉर्डन विवेकानंद स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया गया। हिंदी मीडियम की स्कूलों को जबरदस्ती अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया गया। स्कूल में बच्चों को पाउडर का दूध पिलाया गया, जिससे बच्चों का मानसिक स्तर भी कमजोर हुआ।
जब सभी विभागों में तबादले होते हैं, तो शिक्षकों ने क्या बिगाड़ा है, उनके भी तबादले होने चाहिए, हर सरकार आती है तो ट्रांसफर पॉलिसी की बात करती है। स्कूलों में रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षकों की भर्ती नियमित रूप से होनी चाहिए। पेपर लीक माफिया पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। स्कूली और कॉलेज छात्रों में आजकल नशे की प्रवृत्ति ज्यादा बढ़ती जा रही है, इस पर रोक लगनी चाहिए।