बारिश से आफतः बद्रीनाथ व गंगोत्री NH की शामत, चार धाम यात्रा बाधित; और दो दिन अलर्ट पर उत्तराखंड


देहरादून. उत्तराखंड में बारिश से आफत की बड़ी खबरें आ रही हैं. चमोली ज़िले में नेशनल हाईवे का एक हिस्सा बह जाने के बाद बद्रीनाथ यात्रा बंद कर दी गई है तो उत्तरकाशी ज़िले में गंगोत्री हाईवे पिछले 12 घंटे से ज़्यादा समय से ठप है. यहां लगातार भूस्खलन हो रहा है. पहाड़ों से भूस्खलन की कई तस्वीरें आ रही हैं और लोग बाल बाल जान बचाते दिख रहे हैं. इधर, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए कम से कम 5 ज़िलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

सबसे पहले 30 जुलाई को बारिश के अलर्ट के बारे में बात करें तो आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, चमोली, बागेश्वर, टिहरी और उत्तरकाशी में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. कल 31 जुलाई को भी प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. चमोली और उत्तरकाशी में कल 29 जुलाई को भारी बारिश हुई तो देहरादून में कल रात से ही बारिश जारी है और बागेश्वर में रुक रुककर बरसात हो रही है.

शुक्रवार को भारी बारिश के चलते बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड के पास कम से कम 10 मीटर तक क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे बद्रीनाथ धाम जाने वाले और लौटने वाले तीर्थयात्री रास्ते में ही फंस गए. बताया जा रहा है कि आज शाम तक रास्ता खुल सकता है. ऐसे में तीर्थयात्री जंगल के रास्ते खड़ी चढ़ाई पार करते हुए जान जोखिम में डालकर बद्रीनाथ धाम जाने की कोशिश कर रहे हैं और प्रशासन पर नाराज़गी भी जता रहे हैं.

इधर, पुलिस प्रशासन ने यात्रियों को जोशीमठए पांडुकेश्वर जैसे सुरक्षित स्थानों पर तीर्थ यात्रियों को रोका है, तो वहीं जो तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम से ऋषिकेश की तरफ जा रहे थे उन्हें धाम लौटा दिया गया है. इधर, उत्तरकाशी से भी हैरान करने वाली तस्वीरें सुर्खियों में हैं.

उत्तरकाशी की लाइफ लाइन गंगोत्री हाइवे बन्दरकोट के पास पिछले तीन दिनों से भूस्खलन के चलते सिरदर्द बना हुआ है. बार बार बंद हो रहा हाईवे कल शाम से फिर ठप है. बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए हैं और प्रशासन ने पहाड़ दरकते देखकर सभी को 10 किलोमीटर पीछे वैकल्पिक मार्ग से जाने की सलाह दी है. इस मार्ग से दो घण्टे का अतिरिक्त सफर करना पड़ता है. तेज़ बारिश से गंगोत्री हाइवे के 200 किलोमीटर हिस्से में इस जगह भूस्खलन ज़ोन सक्रिय हो चुका है. इसके अलावा तीन जगह और लैंडस्लाइड की स्थिति है.

इधर, उत्तरकाशी ज़िले के भण्डारस्यू पट्टी के मंजगांव इंटर कॉलेज के छात्रों और शिक्षकों के संघर्ष की तस्वीरें सामने आई हैं. अचानक बरसाती नाला उफान पर आने से कई छात्राएं यहां फंस गईं तो शिक्षकों ने उन्हें किसी तरह नाला पार करवाया. बता दें कि इस स्कूल तक पहुंचने के लिए छात्रों को पहाड़ी रास्तों पर 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है.

पिथौरागढ़ के धारचूला में आसमानी आफत गिरी. तवाघाट रोड पर शुक्रवार को लगातार भारी लैंडस्लाइड जारी रहा. मकान के आकार से भी बड़े बोल्डर पहाड़ी से नीचे गिरे. बोल्डर की चपेट में आने से एक बाइक चालक भी बाल बाल बचा. यह इलाका धारचूला मार्केट के ठीक ऊपर है. लगातार हो रहे लैंडस्लाइड की चपेट में 1 मकान भी आया. धारचूला मुख्यालय में अफरा तफरी का माहौल है. पुलिस लोगों को लगातार अलर्ट कर रही है.

चमोली के लामबगड़ में पहाड़ी दरकने, गंगोत्री हाईवे पर लगातार पहाड़ से मलबा गिरने के साथ ही नैनीताल ज़िले में भी भूस्खलन के चलते रास्ते बंद होने की खबरें हैं. ऐसे में तमाम पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को हिदायत दी जा रही है कि पहाड़ों में दो दिन यात्रा टाल दें या फिर बेहद सतर्कता के साथ ही सड़कों पर निकलें.

Tags: Char Dham Yatra, Uttarakhand landslide, Uttarakhand Rains, Weather news

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