अल्मोड़ा: सीबीएसई बोर्ड एग्जाम की तारीखों का ऐलान हो चुका है. ऐसे में छात्र-छात्राओं पर काफी प्रेशर भी रहता है कि वे अपने बोर्ड एग्जाम को अच्छे तरीके से देकर अच्छे मार्क्स हासिल करें. कई बार छात्र-छात्राओं में काफी प्रेशर सिचुएशन भी देखने को मिलती है. अगर वे एग्जाम देने के लिए जाते हैं, तो उन्हें कुछ बातों का ध्यान देने की जरूरत है. इसको लेकर लोकल 18 ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा की मनोवैज्ञानिक डॉक्टर प्रीति टम्टा से खास बातचीत की. उन्होंने बताया बोर्ड एग्जाम के लिए सभी छात्र-छात्राओं को सिर्फ अपने एग्जाम पर फोकस करने की जरूरत है, जिससे वे अच्छे नंबर प्रकार बोर्ड एग्जाम में पास हो सकें.
स्कूल और फैमिली डालती है प्रेशर
मनोवैज्ञानिक डॉक्टर प्रीति टम्टा ने बताया कि जब बच्चों के एग्जाम शुरू होते हैं या फिर रिजल्ट आना होता है तो उन्हें स्ट्रेस और एंजायटी होने लगती है. आजकल के समय में बच्चों में ज्यादा प्रेशर देखने को मिलता है. चाहे वो स्कूल हो या फिर उनके माता-पिता हो, लगातार उनके ऊपर प्रेशर डाला जाता है. बच्चों के ऊपर प्रेशर रहता है कि वे बोर्ड एग्जाम में पास होकर अच्छे नंबर लाएं ताकि वे कंपटीशन की तैयारी कर पाएं.
अपनी केयर करें
बच्चों को चाहिए कि वे सेल्फ केयर करें. इसमें उन्हें हेल्दी खाना खाने की जरूरत है. साथ ही पानी ज्यादा पिएं और अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज या फिर योग करें. इसके साथ उन्हें पढ़ाई से थोड़ी देर के लिए ब्रेक भी लेना चाहिए. 45 मिनट पढ़ने के बाद बच्चों को 10 से 15 मिनट का ब्रेक जरूर लेना चाहिए. बोर्ड एग्जाम के लिए बच्चों को रणनीति बनानी चाहिए कि उन्हें किस सब्जेक्ट को कितना समय देना है.
अपने बच्चों की तुलना दूसर बच्चों से न करें
मनोवैज्ञानिक डॉक्टर प्रीति टम्टा ने बताया कि आजकल के समय में अभिभावक अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं. बच्चे अपनी कोशिश पूरी करते हैं पर जब वे अपने माता-पिता को अपनी तुलना दूसरे बच्चों से करते देखते हैं तो उन्हें डिमोटिवेशन होता है. अगर बच्चों को बोर्ड एग्जाम में कोई दिक्कत होती है तो वे अपने माता-पिता से शेयर करते हैं लेकिन ऐसा करने के लिए पैरेंट्स को अपने बच्चों का भरोसा जीतना होगा. उन्हें ताने मारना या उनकी तुलना करना जैसे काम न करें.
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 10:00 IST