भगवान शिव की मुद्राओं से बने ये योगासन देंगे निरोगी काया, जानें सही तरीका


ऋषिकेश. भगवान शिव को योग का आदि गुरु माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, योग की अनेक विधियों का ज्ञान उन्होंने ही सबसे पहले दिया. शिव ने ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा और परमात्मा के मिलन का मार्ग दिखाया. इसी क्रम में ऐसे ही कुछ योगासनों और मुद्राओं के बारे में हम आपको बता रहे हैं और वो आसन हैं- नटराजासन, हनुमानासन, वीरभद्रासन और ध्यान मुद्रा.

लोकल 18 के साथ बातचीत में उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित आरोग्य योग स्कूल के योग ट्रेनर आज़र भट्ट ने बताया कि भगवान शिव की मुद्राओं से प्रेरित योगासनों से निरोगी काया पाई जा सकती है. शिव के इन योगासनों का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक है. इन योगासनों से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है. शिव की इन मुद्राओं से बने योगासनों को अपनाकर निरोगी और स्वस्थ जीवन पाया जा सकता है.

नटराजासन

नटराजासन करने के लिए सबसे पहले ताड़ासन (सीधा खड़ा होकर) से शुरुआत करें. पैरों को एक साथ रखें और शरीर को सीधा रखें. दाएं पैर पर वजन डालें और बाएं पैर को धीरे-धीरे पीछे उठाएं. बाएं पैर के टखने को बाएं हाथ से पकड़ें. दाएं हाथ को सामने की ओर सीधा करें, शरीर को आगे झुकाएं और बाएं पैर को ऊपर और पीछे की ओर उठाएं. इस स्थिति में 15-30 सेकंड तक रहें. अब यह प्रक्रिया दाएं पैर के लिए भी दोहराएं.

हनुमानासन

हनुमानासन करने के लिए अपने दोनों घुटनों के बल वज्रासन में बैठें. धीरे-धीरे अपने हाथों को जमीन पर रखें और अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं. दाएं पैर को सीधा करते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ाएं. बाएं पैर को पीछे की ओर खिसकाएं. दाएं पैर को आगे और बाएं पैर को पीछे खिसकाते हुए पैरों को जितना हो सके, फैलाएं. ध्यान रखें कि आपका घुटना और एड़ी ज़मीन को छूती रहे. शुरुआती स्थिति में अपने हाथों को जमीन पर रखकर संतुलन बनाए रखें. अपने हाथों को सीधा ऊपर उठाकर, हाथ जोड़ें और नमस्ते की मुद्रा बनाएं. इस स्थिति में गहरी सांस लें और 15-30 सेकंड तक रुकें.

वीरभद्रासन

वीरभद्रासन करने के लिए ताड़ासन में सीधे खड़े होकर शुरुआत करें. अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर रखें और अपने हाथों को अपने शरीर के किनारे पर रखें. अपने दाएं पैर को लगभग 3-4 फीट आगे की ओर बढ़ाएं. बाएं पैर को थोड़ा बाहर की ओर (लगभग 45 डिग्री) घुमाएं. ध्यान रखें कि आपका दायां घुटना और टखना एक सीध में हों. अपने सिर को दाएं पैर की दिशा में मोड़ें ताकि दोनों कूल्हे एक सीध में हों. अपने हाथों को ऊपर उठाएं और उन्हें कंधे की चौड़ाई पर रखें. अपनी हथेलियों को आपस में मिला सकते हैं या उन्हें अलग रख सकते हैं. अपनी नजरें ऊपर की ओर या अपने हाथों की ओर केंद्रित करें.

ध्यान मुद्रा

ध्यान मुद्रा मानसिक शांति के लिए एक महत्वपूर्ण आसन है. इसे करने के लिए एक शांत और साफ स्थान चुनें, जहां आप बिना किसी व्यवधान के ध्यान कर सकें. सुखासन या पद्मासन में बैठें. अपनी रीढ़ को सीधा रखें लेकिन शरीर को आरामदायक स्थिति में रखें. सिर, गर्दन और रीढ़ एक सीधी रेखा में होनी चाहिए. अपने हाथों को घुटनों पर रखें. ज्ञान मुद्रा बनाएं अपने हाथ की तर्जनी (अंगूठे के बगल की उंगली) और अंगूठे के सिरे को आपस में मिलाएं, बाकी की उंगलियों को सीधा रखें. अपनी आंखें बंद करें और धीरे-धीरे गहरी सांस लें. ध्यान को अपनी सांस पर केंद्रित करें. (यह सभी आसन आप ऊपर दिए गए वीडियो में देख सकते हैं.)

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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