भारत-पाक जंग के योद्धा की ये कैसी विदाई? मजबूरन केबल ट्रॉली से अंतिम यात्रा


हल्द्वानी. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बुधवार देर शाम से बारिश का दौर जारी है. जिसके चलते नदी-नाले सब उफान पर हैं. लगातार बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मूसलाधार बारिश के चलते रानीबाग के दानीजाला गांव में भारत-पाकिस्तान युद्ध के वीर योद्धा के शव को अंतिम संस्कार के लिए केबल ट्रॉली से लेकर जाना पड़ा. गुरुवार शाम 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में प्रतिभाग करने वाले वीर योद्धा गोपाल जंग बस्नेत का निधन हो गया. गोपाल जंग रानीबाग के दानीजाला गांव में रहते थे. लंबे समय से बीमारी से परेशान गोपाल का 78 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके दो बेटे हैं जो वर्तमान में सेना में सेवारत हैं. शुक्रवार को जब उनका शव अंतिम संस्कार के लिए रानीबाग लाया जाना था, तो गौला नदी के उफान पर होने के कारण रास्ता बंद हो गया. ऐसे में शव को केबल ट्रॉली से रानीबाग ले जाना पड़ा.

दानीजाला गांव वालों ने बताया कि गांव में करीब 20 परिवार रहते हैं लेकिन फिर भी आज तक यहां झूला पुल नहीं बन पाया है. वे लोग झूला पुल बनाने को लेकर राज्य सरकार से कई बार मांग कर चुके हैं. तमाम नेताओं से मिल चुके हैं लेकिन नतीजा सिफर रहा. गांव वालों ने बताया कि शहर की ओर आने के लिए अभी तक गांव में ब्रिज नहीं बना है. ऐसे में बारिश के दौरान जब गौला नदी उफान पर होती है, तो लोगों को केबल ट्रॉली के माध्यम से आना जाना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, बरसात में बच्चों को स्कूल भी इसी केबल ट्रॉली के माध्यम से जाना पड़ता है, जिसको लेकर जब तक बच्चे सकुशल वापस नहीं आ जाते हैं, माता-पिता की जान हलक में रहती है.

गांव वालों ने जताई नाराजगी
हल्द्वानी शहर से कुछ ही दूरी पर बसे दानीजाला गांव ने भारतीय सेना को कई जवान दिए हैं. आज भी लगभग एक दर्जन से ज्यादा युवा देश की रक्षा के लिए सेना में सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित होने पर गांव वालों ने नाराजगी जाहिर की है और सरकार से जल्द झूला पुल का निर्माण करने की मांग की है.

FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 18:55 IST

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