नैनीताल. उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल में इन दिनों नंदा देवी महोत्सव की धूम है. नयना देवी मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में नारियल और फूल मां को अर्पित किए जा रहे हैं. नैनीताल की कुछ महिलाओं को इन नारियलों और फूलों से घरेलू और होम डेकोर प्रोडक्ट बनाने का आइडिया आया. जिसके बाद उन्होंने काम शुरू किया और अब हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. दरअसल नैनीताल के चेली आर्ट महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इन दिनों मंदिर में भगवान को चढ़े फूलों और नारियलों से चिड़िया के आर्टिफिशियल घोंसले, फ्लावर पॉट समेत कई तरह के उत्पादों को तैयार कर रही हैं. इसके अलावा उनके बनाए उत्पाद ईको फ्रेंडली होने के साथ ही बेहद आकर्षक हैं. महिलाएं मंदिर के फूलों से सुगंधित धूप तैयार कर रही हैं.
चेली आर्ट महिला स्वयं सहायता समूह की संस्थापक किरन तिवारी ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि समूह की महिलाएं नयना देवी मंदिर से निर्माल्य (वह पदार्थ जो किसी देवता पर चढ़ चुका हो) लाकर कई आकर्षक उत्पादों को तैयार कर रही हैं. निर्माल्य फूलों से वे सुगंधित धूप और नारियलों से बर्ड हाउस समेत होम डेकोर के सामान तैयार कर रही हैं. इसके साथ ही वे स्कूली बच्चों को इन आइटम्स को बनाना भी सिखा रही हैं. उन्होंने कहा कि नैनीताल नगरपालिका द्वारा उन्हें इस काम के लिए समर्थन दिया जा रहा है. नंदा देवी मेले में उनके स्टॉल पर मात्र 50 रुपये में आपको प्लांटर और 75 रुपये में बर्ड हाउस मिल जाएगा. इसके अलावा उनके यहां निर्माल्य से तैयार कोकोपिट मात्र 50 रुपये प्रति पैकेट के हिसाब से आपको मिल जाएगा.
क्या है निर्माल्य?
किरन बताती हैं कि निर्माल्य का मतलब ऐसे फल-फूलों व अन्य पवित्र चीजों से हैं, जो देवी-देवताओं को चढ़ाए जाते हैं. लोग अक्सर इन फूलों और अन्य सामग्रियों को पूजा-पाठ के बाद कूड़े में फेंक देते हैं जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. ये कूड़ा नहीं है बल्कि निर्माल्य है और निर्माल्य को घर में रखने से दुख-दरिद्रता दूर होती है और सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है. किरन आगे बताती हैं कि निर्माल्य को फेंकने के बजाय फूलों के गमलों में खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 11:14 IST