देहरादून. उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक अनूठी पहल की है. प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में महिला प्रेरक समूहों (Women Motivator Groups) का गठन किया गया है, जिनका उद्देश्य स्कूलों की समस्याओं का निराकरण करना और बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करना है. ये समूह स्कूल स्तर पर गठित एक कमेटी है, जिसमें स्थानीय महिलाओं को शामिल किया गया है. इसमें विद्यालय प्रबंध समिति की महिलाएं, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की माएं, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाएं और महिला मंगल दल की सदस्य समेत कुल 12 सदस्य शामिल किए गए हैं. इन समूहों का मुख्य कार्य स्कूलों में आने वाली समस्याओं जैसे खराब बुनियादी ढांचे, बच्चों की शिक्षा में बाधाओं और अन्य मुद्दों को समझकर उनका समाधान करना है. शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्देश है कि प्रत्येक स्कूल में महिला प्रेरक समूह महीने के अंतिम शनिवार को बैठक आयोजित करेगा. इसमें स्कूल से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी.
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में कुल 11,387 महिला प्रेरक समूह बनाए जा चुके हैं. इन समूहों में सर्वाधिक संख्या टिहरी जिले की है, जहां 1,251 समूह सक्रिय हैं. इसके बाद अल्मोड़ा में 1,233 और देहरादून में 1,088 महिला प्रेरक समूह गठित किए गए हैं. हालांकि इन समूहों की शुरुआत अक्टूबर माह में चुनिंदा स्कूलों से की गई थी.
जिलेवार महिला प्रेरक समूहों की संख्या
टिहरी – 1,251
अल्मोड़ा – 1,233
देहरादून – 1,088
पिथौरागढ़ – 1,020
नैनीताल – 924
उत्तरकाशी – 908
पौड़ी – 881
चमोली – 870
उधम सिंह नगर – 770
रुद्रप्रयाग – 760
हरिद्वार – 668
बागेश्वर – 554
चंपावत – 460
यह आंकड़े बताते हैं कि शिक्षा सुधार में महिलाओं की भूमिका को लेकर एक ठोस प्रयास किया जा रहा है. शिक्षा विभाग का कहना है कि इन समूहों के जरिए स्कूलों की बुनियादी समस्याओं को हल करने के साथ-साथ छात्रों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया जाएगा. शिक्षा विभाग की महानिदेशक झरना कमठान ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि यह पहल न केवल शिक्षा व्यवस्था में सुधार करेगी बल्कि महिलाओं की सामुदायिक भागीदारी को भी बढ़ावा देगी. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर विद्यालयों में आने वाली समस्याएं का निराकरण करेगी.
पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बढ़ा विस्तार
पहाड़ी जिलों में रुद्रप्रयाग (760), उत्तरकाशी (908), और चमोली (870) जैसे जिलों में समूह सक्रिय हैं. वहीं मैदानी जिलों हरिद्वार (668) और उधम सिंह नगर (770) में भी इनका गठन तेजी से किया गया है. महिला प्रेरक समूह न केवल शिक्षा सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं बल्कि यह स्थानीय महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करके सशक्तिकरण की मिसाल भी पेश कर रहे हैं. उम्मीद है कि यह पहल राज्य के सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा दोनों को बदलने में सहायक होगी.
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FIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 13:36 IST