ये हुई न बात... जिस यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई अब वहीं बने वाइस चांसलर, IIT से शुरू हुआ सफर



श्रीनगर गढ़वाल. उत्तराखंड के एक मात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के कार्यवाहक कुलपति के रूप में प्रोफेसर मनमोहन सिंह रौथाण ने पद भार सभाल लिया है. कुलपति का कार्यभार संभालने पर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, कर्मचारी और छात्रों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान प्रो. रौथाण ने कहा कि परीक्षाएं समय पर कराना उनकी प्राथमिकता है. साथ ही अल्प समय पर परीक्षाओं का परिणाम घोषित करने की भी वे कोशिश करेंगे. गढ़वाल विवि के सभी विभाग को कम्प्यूटराइज्ड कर उनकी प्राथमिकता में रहेगा.

लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए गढ़वाल विवि के कार्यवाहक कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण ने कहा कि विश्विद्यालय को आगे बढ़ाने के लिये उनकी प्राथमिकता रहेगी. सबसे पहले आने वाली परीक्षाओं की तैयारी करनी है और उन्हें समय से पूरा करना है. कोशिश रहेगी की कम समय में ही छात्रों का परीक्षा परिणाम घोषित किया जाय. वहीं विवि में सभी विभागों को कंप्यूटराइज किया जायेगा.

गढ़वाल विवि से पूरी की बीएससी की डिग्री
प्रो. रौथाण डांग ऐठाणा श्रीनगर के ही रहने वाले हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर के आस-पास के क्षेत्र से हुई उसके बाद उन्होंने 1985 में गढ़वाल विवि से ही अपनी बीएससी की डिग्री की.आईआईटी रुड़की से कंप्यूटर साइंस में एमसीसी की डिग्री की, 1987-1988 तक बतौर प्रोग्रामर उन्होंने मध्य प्रदेश में अपनी सेवाएं दी. 1988 से 1995 तक सीनियर सिस्टम अनलिस्ट के पद पर नेशनल इंफोर्मेटिव सेंटर भारत सरकार में कार्य किया. 1995 से 2001 तक जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में रीडर के पद पर कार्य किया और कुछ माह उन्होंने इंचार्ज प्रधानाचार्य के पद पर भी कार्य किया और 2013 में कुमाऊँ विवि से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की डिग्री पूरी की. प्रो. रौथाण का करियर तीन दशकों से अधिक का रहा. उन्होंने गढ़वाल विवि में परीक्षा नियंत्रक और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी.

पिता के कठिन अनुशासन से मिली मदद
बता दें प्रो. रौथाण एक सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से नाता रखते हैं उनके पिता इंटर कॉलेज में शिक्षक थे. प्रो. रौथाण बताते हैं एक छात्र से गढ़वाल विवि में कुलपति बनने तक के सफर में उनके पिता के कठिन अनुशासन ने उनकी बड़ी मदद की. उनके दो भाई और एक बहन है. उन्होंने कहा यह क्षण उनके लिये बड़ा गौरवपूर्ण है. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से ही पढ़े हैं और यहीं के कुलपति की जिम्मेदारी मिली है.

FIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 11:47 IST

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