ये है पहला थिएटर वाला स्कूल, जहां बच्चों को कराया जा रहा अभ्यास


अल्मोड़ा: अक्सर बच्चे कॉपी किताबों के बोझ में फंसे रहते हैं. जिस कारण से उन्हें अन्य चीजों की जानकारी कम हो पाती है. ऐसे में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक ऐसा स्कूल है. जहां पर बच्चों को थिएटर की जानकारी दी जा रही है और ये स्कूल जिले का पहला स्कूल है. जहां पर थिएटर की जानकारी स्कूली बच्चों को दी जा रही है.

बच्चे बन सकते हैं अच्छा कलाकार
अल्मोड़ा के शारदा पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें थिएटर भी कराया जा रहा है. थिएटर के जरिए बच्चों को कैसे मंच पर परफॉर्मेंस करनी चाहिए और किसी भी कैरेक्टर में आपको कैसे अभिनय करना है, उसके बारे में भी बारीकी से बच्चों को जानकारी दी जा रही है. सबसे ज्यादा फायदा उन बच्चों के लिए है, जो थिएटर लाइन में जाना चाहते हैं, उन बच्चों की नींव अभी से मजबूत होगी और वह आगे जाकर अच्छे कलाकार बन सकते हैं.

वहीं, स्कूल की छात्रा अर्पिता जोशी ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ थिएटर मन को रिफ्रेश भी करता है. थिएटर में आपको अपने भाव को प्रकट करने पड़ता है. उन्हें काफी अच्छा लग रहा है कि उनके स्कूल में थिएटर कराया जा रहा है और वह थिएटर के जरिए बहुत कुछ सिख भी रही हैं.

थिएटर के जरिए बढ़ सकते हैं बच्चे
छात्रा ने बताया कि वह पढ़ाई कर थिएटर में भी करियर बनाया जा सकता है. स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ थिएटर विद्यार्थी मैनेज कर लेते हैं. उत्तराखंड के कई ऐसे कलाकार हैं, जो टीवी या फिर बॉलीवुड इंडस्ट्री में धमाल मचा रहे हैं. अगर बच्चे चाहें, तो थिएटर के जरिए आगे तक जा सकते हैं.

थिएटर करने वाले छात्र ने बताया
वहीं, स्कूल के छात्र प्रकाश ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ उनका स्किल डेवलपमेंट भी हो रहा है. वह अपने प्रिंसिपल मैम का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने स्कूल में थिएटर क्लास शुरू की है. अगर कोई भी बच्चा थिएटर करना चाहता है, तो वह अभी से थिएटर की जानकारी ले सकता है और इसमें आगे जा सकता है.

स्कूल की टीचर ने बताया
एसे में स्कूल के थिएटर टीचर ने बताया है कि यहां विद्यार्थियों को मंच पर कैसे बोलना चाहिए और आप कैसे मंच पर चलना चाहिए, इसके बारे में जानकारी दी जाती है. यहां उन्हें काफी अच्छा लगता है कि जब वह थिएटर की क्लास में आते हैं. यहां बच्चे पढ़ाई के साथ ही थिएटर में भी हिस्सा ले रहे हैं.

बच्चों में बढ़ता है कॉन्फिडेंस
थिएटर के टीचर भास्कर ने बताया कि जहां पर भी थिएटर की क्लास होगी. वहां पर उन बच्चों में परिवर्तन देखने को मिलेगा. थिएटर ऐसा सब्जेक्ट है, जहां पर बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं. पहला कारण बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ जाता है, दूसरा बच्चों में बोलने की कला बढ़ जाती है और तीसरा टीम लीडरशिप यदि कोई भी बच्चा कैरेक्टर निभाता है, तो वह एक टीम की तरह सोचता है, चौथा  बच्चा खुद के बारे में सोचता है. बच्चा अपने आप के साथ-साथ समाज के हित के बारे में भी सोचने लगता है.

अल्मोड़ा का थिएटर वाला है पहला स्कूल
वहीं, सीनियर टीचर पूजा कांडपाल ने बताया कि यह अल्मोड़ा का पहला स्कूल है. जहां पर थिएटर क्लास चलाई जाती है. थिएटर होने से बच्चों में पर्सनालिटी डेवलपमेंट, नए-नए आइडिया, टीम वर्क के अलावा तमाम चीज बच्चों में अब देखने को मिल रही है. मंच पर बच्चों को कैसे एक साथ मिलकर काम करना है. इसके बारे में बच्चे जान रहे हैं. जबसे थिएटर हो रहा है तबसे बच्चों में काफी पॉजिटिव एटीट्यूड भी आ रहा है. बच्चों को कई नई चीजे भी सीखने को मिल रही हैं. थिएटर के सर भी बच्चों को बारीकी से जानकारी दे रहे हैं.

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