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Dehradun News: देहरादून के प्रतिष्ठित एनमैरी स्कूल में 30 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा. गुरुवार को सैकड़ों अभिभावकों ने स्कूल के बाहर विरोध किया लेकिन प्रबंधन ने गेट बंद कर बाउंसर तै…और पढ़ें
फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों का विरोध.
देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के प्रतिष्ठित एनमैरी स्कूल में फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा. गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में अभिभावक अचानक स्कूल के बाहर जमा हो गए और प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के 30 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी, जिससे अभिभावक नाराज हैं. जब अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से बातचीत करने की कोशिश की, तो स्कूल का गेट ही नहीं खोला गया. आलम यह रहा कि घंटों तक गेट बंद रखा गया और जवाब देने की बजाय बाउंसर तैनात कर दिए गए. इससे अभिभावकों का गुस्सा और बढ़ गया. उनका कहना है कि स्कूल मैनेजमेंट मनमाने ढंग से फीस बढ़ा रहा है और कोई सुनवाई नहीं हो रही. अभिभावकों की भीड़ के चलते बल्लीवाला फ्लाईओवर के पास जाम की स्थिति बन गई.
अभिभावकों का आरोप है कि एनमैरी स्कूल हर साल किसी न किसी बहाने फीस बढ़ा देता है. कभी फंक्शन फीस, कभी कंप्यूटर फीस, तो कभी दूसरे चार्ज के नाम पर अभिभावकों से पैसे वसूले जाते हैं. अब जब नए शिक्षा सत्र की शुरुआत एक अप्रैल से होने वाली है, तो फीस में सीधे 30 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है. एक अन्य अभिभावक ने कहा कि अगर ऐसी ही मनमानी चलती रही, तो हम अपने बच्चों को कहां पढ़ाएंगे. पहले से ही स्कूल की फीस ज्यादा है और अब 30 प्रतिशत बढ़ोतरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
मैनेजमेंट में बदलाव के बाद बढ़ी समस्या
अभिभावकों का कहना है कि जब से स्कूल के मैनेजमेंट में बदलाव हुआ है, तब से लगातार नए नियम थोपे जा रहे हैं. हर साल कोई न कोई नया चार्ज जोड़ दिया जाता है और विरोध करने पर कोई सुनवाई नहीं होती. अभिभावकों ने साफ कहा कि अगर स्कूल प्रशासन ने फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस नहीं लिया, तो वे एक साथ बच्चों की टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) कटवाने को मजबूर होंगे. इतना ही नहीं, अगर प्रबंधन ने उनकी मांगें नहीं सुनीं, तो वे इस मुद्दे को शिक्षा विभाग और उच्च अधिकारियों तक लेकर जाएंगे.
स्कूल प्रशासन का नहीं आया बयान
इस पूरे विवाद पर स्कूल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. बयान आते ही खबर में उनका पक्ष लिखा जाएगा. अब देखने वाली बात होगी कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं. फिलहाल अभिभावक किसी भी हाल में फीस बढ़ोतरी को स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं और आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.