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Road Safety Campaign: त्रिलोचन भट्ट हर सुबह करीब पांच किलोमीटर की सैर करते हैं. उनकी पीठ पर चस्पा पोस्टर लोगों का ध्यान खींचता है.

देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की सड़कों पर सुबह एक व्यक्ति अपनी पीठ पर संदेश लिए घूमते नजर आते हैं. उनके पोस्टर पर लिखा है, ‘हेलमेट लगाएं, बच्चों को भी पहनाएं’. यह अनोखा तरीका है लोगों को हेलमेट की अहमियत समझाने का. इस अभियान के पीछे हैं देहरादून के समाजसेवी और स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट. उन्होंने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने की सलाह देने पर अक्सर उन्हें टोका-टाकी का सामना करना पड़ता था. एक दिन जब उन्होंने एक युवती से हेलमेट पहनने को कहा, तो उसने पलटकर जवाब दिया, ‘अंकल, मेरी चिंता करने वाले घर पर हैं, आपको इससे क्या फर्क पड़ता है.’ इस सवाल ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया. तभी उन्होंने तय किया कि लोगों को बिना रोके-टोके जागरूक किया जाए.

त्रिलोचन भट्ट ने कहा वह हर सुबह करीब पांच किलोमीटर की सैर करते हैं. उनकी पीठ पर चस्पा पोस्टर लोगों का ध्यान खींचता है. अगर कोई बिना हेलमेट दिखता है, तो वह उन्हें शांत भाव से जागरूक करने की कोशिश करते हैं. उनके शब्द सीधे नहीं बल्कि उनके पोस्टर और उनके काम से बोलते हैं.

हेलमेट दान से बना एक आंदोलन
यह अभियान अब सिर्फ जागरूकता तक सीमित नहीं रहा. त्रिलोचन हेलमेट दान करने की अपील भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई लोग उन्हें हेलमेट देने लगे हैं, जिन्हें वह जरूरतमंदों को बांटते हैं. एक दिन उन्होंने देखा कि एक महिला अपने बच्चों को स्कूटी पर स्कूल ले जा रही थी. उनमें से एक बच्चा हेलमेट पहने था. त्रिलोचन ने उन्हें प्रोत्साहित किया और महिला ने भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही अपनी बेटी के लिए भी हेलमेट खरीदेगी. हालांकि बाद में दोबारा मिलने पर त्रिलोचन भट्ट ने उन्हें फ्री में हेलमेट दिया. सड़क सुरक्षा के प्रति त्रिलोचन भट्ट की कहानी लोगों को प्रेरित करती है.

सोशल मीडिया से मिला समर्थन
त्रिलोचन भट्ट की पहल सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है. उन्होंने अपनी एक पोस्ट में इस घटना का जिक्र किया, जिसे लोगों ने खूब सराहा. अब लोग खुद उनसे जुड़ रहे हैं और उनके अभियान में योगदान दे रहे हैं. त्रिलोचन का कहना है कि सड़क सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, ‘अगर मेरी इस छोटी सी कोशिश से किसी की जान बचती है, तो मेरा उद्देश्य पूरा हो जाएगा.’ उनकी यह पहल अब एक आंदोलन बन चुकी है. देहरादून की सड़कों पर उनका यह अनोखा अभियान हर किसी के लिए एक प्रेरणा है. क्या आप भी इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहेंगे, अगर हां तो दोपहिया वाहन चलाते हुए हेलमेट जरूर पहनें और दूसरों को भी प्रेरित करें.

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