51 साल की उम्र में जीता गोल्ड, उत्तराखंड के 'बाहुबली' IPS अमित सिन्हा की कहानी


देहरादून. जीवन के लक्ष्य में उम्र का रोड़ा और समय का अभाव मानने वाले लोगों को यह खास खबर पढ़नी चाहिए. उत्तराखंड के आईपीएस अधिकारी अमित सिन्हा (IPS Amit Sinha) उन लोगों के लिए आदर्श हैं, जो अपने पैशन के बीच उम्र को रोड़ा मान लेते हैं. 1997 बैच के आईपीएस अमित सिन्हा 50 साल की दहलीज को पार कर चुके हैं, लेकिन उनका जज्बा किसी युवा से कम नहीं है. इस उम्र में जहां लोग शरीर में दर्द की शिकायतें लेकर बैठ जाते हैं, वहीं उत्तराखंड के ‘बाहुबली’ आईपीएस अधिकारी अमित सिन्हा पावरलिफ्टिंग में अपना हाथ आजमाते हैं. संवाददाता आदर्श शर्मा ने अमित सिन्हा के साथ खास बातचीत में उनके सफर और चुनौतियों को समझने की कोशिश की है.

IPS अफसर अमित सिन्हा का जन्म बिहार में हुआ. उन्होंने पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल में शुरुआती शिक्षा के बाद आईआईटी रुड़की में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. लोकल 18 से बातचीत के दौरान आईपीएस अधिकारी अमित सिन्हा ने कहा, ‘इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान मैं पहली बार जिम गया. उस वक्त ट्रेनर ने मुझे डेडलिफ्ट और बेंच प्रेस के बारे में बताया, जो सब मेरे लिए नया था लेकिन समय के साथ जब मैंने यह सब करना शुरू किया तो ट्रेनर मेरी ताकत को देखकर हैरान थे. जिसके बाद उन्होंने मुझे पावरलिफ्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय जब मैं वहां लगातार पावरलिफ्टिंग करता रहा, तो उस दौरान ही मैं यूनिवर्सिटी में चैंपियन बन गया और बाद में इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिताओं में भी दो गोल्ड और सिल्वर जीते.’

‘लोग बोलते थे कि तुम पर पुलिस की वर्दी अच्छी लगेगी’
आईपीएस अधिकारी बनने के पीछे की कहानी साझा करते हुए अमित सिन्हा कहते हैं, ‘जब मेरा पावरलिफ्टिंग में नाम होने लगा. तब कई लोगों ने मुझे सुझाव देते हुए कहा कि तुम पर पुलिस की वर्दी बहुत अच्छी लगेगी. फिर मैंने इसके बारे में सोचा. अगर मैं ये कहूं कि पावरलिफ्टिंग ही मेरी पुलिस की नौकरी का आधार बना, तो यह कहना गलत नहीं होगा.’

51 साल की उम्र में पावरलिफ्टिंग में जीता गोल्ड मेडल
आईपीएस अधिकारी अमित सिन्हा ने कहा, ‘यूपीएससी की तैयारी के दौरान कुछ समय के लिए मुझे पावरलिफ्टिंग से दूर रहना पड़ा, लेकिन पुलिस में आने के बाद मैंने फिर से ध्यान देना शुरू किया. पिछले साल 50 साल की उम्र पार करने के बाद मैं मास्टर्स टूर्नामेंट कैटेगरी-2 में गया था. तब मैंने देखा कि इस कैटेगरी में नेशनल चैंपियनशिप में जितना लिफ्टिंग वेट है, उतना मैं उठा पा रहा हूं. पिछले साल 2023 में विशाखापट्टनम में आयोजित हुई ऑल इंडिया मास्टर्स क्लासिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मैंने 105 किलोग्राम भार वर्ग में 435 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल हासिल किया था.’

युवाओं को एक ही संदेश- ड्रग से करें परहेज
लोकल 18 के जरिए युवाओं को संदेश देते हुए आईपीएस अधिकारी अमित सिन्हा कहते हैं, ‘मैंने यह सब युवाओं को संदेश देने के लिए फिर से शुरू किया. मैंने देखा कई युवा नशे के पीछे भाग रहे हैं. मुझे खुद लगता था कि मैं उनके लिए एक मोटिवेशनल फैक्टर बनूं. मैंने खुद पूरे टूर्नामेंट में सप्लीमेंट का इस्तेमाल ही नहीं किया. मेरा युवाओं को एक ही संदेश है कि वे ड्रग के पीछे नहीं बल्कि खेलों के पीछे भागे.’

गौरतलब है कि वर्तमान में आईपीएस अधिकारी अमित सिन्हा उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) में अपर पुलिस महानिदेशक पद पर आसीन हैं. खास बात है कि पिछले साल धामी सरकार ने उन्हें विशेष प्रमुख सचिव खेल की भी जिम्मेदारी दी. आईपीएस अफसर अमित सिन्हा फिजिकल फिटनेस और खेल में बेहद रुचि रखते हैं. वे राज्य के युवाओं के लिए खेलों के स्तर को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

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