देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को एजुकेशन हब कहा जाता है क्योंकि यहां बड़े-बड़े कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं. देहरादून के महाविद्यालय डीएवी पीजी कॉलेज में न सिर्फ देहरादून बल्कि पहाड़ी जिलों से भी यहां पढ़ाई करने के लिए आते हैं. इस कॉलेज के कुछ छात्र पिछले 10 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. उनकी कुछ मांगे हैं, जिन्हें लेकर वह आंदोलन कर रहे हैं. इनमें शिक्षकों की नियुक्ति, छात्र-छात्राओं के बैठने की सही व्यवस्था, स्मार्ट क्लास और छात्रों के लिए फ्री बस पास बनाना प्रमुख हैं. इसी तरह की मांगों को लेकर छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने लोकल 18 से कहा कि वह लंबे समय से यह लड़ाई लड़ रहे हैं. पहाड़ से आकर यहां रहकर पढ़ाई करने वालों को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए क्योंकि वे छात्र किसी प्राइवेट कॉलेज में नहीं पढ़ सकते हैं. कॉलेज में अध्यापकों के पद खाली हैं, जिसके चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि हमने हस्ताक्षर अभियान चलाकर कॉलेज के स्टूडेंट्स को इस आंदोलन से जोड़ा क्योंकि सभी स्टूडेंट्स स्मार्ट क्लास और पर्याप्त संख्या में टीचर्स की नियुक्ति चाहते हैं, इसलिए वे इससे जुड़े.
मांग पूरी नहीं तो उग्र आंदोलन
सिद्धार्थ ने कहा कि कॉलेज में छात्र-छात्राओं के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है. अगर किसी का एग्जाम चल रहा होता है, तो अन्य लोगों को बैठने के लिए स्थान नहीं मिल पाता है, इसलिए हम स्मार्ट क्लास की मांग कर रहे हैं. वहीं कई ऐसे छात्र हैं, जिन्हें बस आदि सार्वजनिक वाहनों के माध्यम से कॉलेज आना पड़ता है लेकिन किराया महंगा होने के कारण वे हर रोज कॉलेज नहीं आ पाते हैं या लेट हो जाते हैं, इसलिए हम मांग करते हैं कि सभी स्टूडेंट्स को आईडी कार्ड पर फ्री बस सेवा की सुविधा दी जाए ताकि वे रोजाना क्लास में उपस्थित हो सकें. सिद्धार्थ अग्रवाल का कहना है कि लगभग एक साल पहले कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने महाविद्यालय में 100 फीट ऊंचा झंडा लगाने की घोषणा की थी, जिसका शिलान्यास तो किया गया लेकिन अब तक एक ईंट तक इसमें नहीं लगाई गई. अगर हमारी इन मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तो हम उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.
क्या कहता है कॉलेज प्रशासन?
वहीं कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्रों की मांगों को लेकर काम करने पर जोर दिया जा रहा है. जानकारी दी गई कि कॉलेज में अध्यापकों के 185 पद सैंक्शन किए गए थे, जिनमें से वर्तमान में 123 पदों पर अध्यापक कार्यरत हैं जबकि 62 पद खाली चल रहे हैं. इनके लिए निदेशालय में प्रस्ताव भेजा जा चुका है. वहीं बस से सफर करने वाले छात्रों के लिए आरटीओ से बात की गई है. छात्रों को किराये में छूट देने की कोशिश होगी. स्मार्ट क्लास के लिए भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद एक करोड़ रुपये की लागत से 6 स्मार्ट क्लास बनाने के लिए डीपीआर भेजी गई है. कॉलेज में दिसंबर 2024 तक स्मार्ट लाइब्रेरी शुरू कर दी जाएगी, जिसमें कंप्यूटर लगे होंगे, जिससे ई-कैटालॉगिंग की प्रक्रिया स्टूडेंट आसानी से कर पाएंगे. इसके अलावा रिसर्च के लिए भी काम भी किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 12:35 IST