Omicron के BA.5 Variant पर सवार Corona की नई लहर, यूरोप के अस्पतालों में बढ़ रहे मामले

Europe में बढ़ रहे हैं Omicron के सबवेरिएंट BA.5 के मामले ( प्रतीकात्मक तस्वीर)

यूरोप (Europe) में तेजी से फैलने वाले कोरोना (Corona) के ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट के सबवेरिएंट BA.5 का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. ब्रिटेन समेत पूरे यूरोप में BA.5 के नए संक्रमण देखने को मिल रहे हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार, यूरोप के सेंटर फॉर डिसीज़ प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने बताया कि ICU में भर्तियां बढ़ रही हैं और चेतावनी दी है कि इस ओमिक्रॉन की एक और लगर शुरू हो रही है.  यूरोप में फिलहाल म्यूजिक फेस्टिवल, और बड़ी संख्या में शामिल होने वाली सभाओं पर पर रोक हट गई है. अधिकतर जगह मास्क लगाना ज़रूरी नहीं है. ऐसे में वायरस को कोरोना पाबंदियों के हटते ही तेजी से फैलने का मौका मिल रहा है. सेंटर फॉर डिसीज़ प्रिवेंशन का कहना है कि कोरोना के मामले फिलहाल मौजूद आकंड़े से कहीं अधिक हो सकते हैं, क्योंकि अधिकतर देशों ने नाटकीय तौर से टेस्टिंग भी बेहद कम कर दी है.  

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सरकार पहले ही कोरोना की शुरुआत में लगाए गए नियमों को बाहर कर चुकी है और सरकारें भी मास्क के नियम सख्त करने से बच रही हैं.  सभाओं में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित करना और यात्रा के लिए टेस्टिंग की आवश्यकता या लोगों को वैक्सीन के लगवाने के लिए कहने से भी सरकारें मुकरती नजर आ रही हैं. अधिकतर यूरोपीय सरकारें केवल खतरे की सीमा में मौजूद लोगों को एक और बूस्टर लगवाने के लिए कह रही हैं. यूरोप की सरकारें वैक्सीनेशन दरें उपर रखने और मृत्यु दर कम रखने को ही अपनी सफलता समझ रही हैं.   

लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में यूरोपियन पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर मार्टिन मैकी कहते हैं,  “कोरोना संक्रमण बढ़ने का यह समय सुझाता है कि कोरोना किसी सर्दी के मौसम में होने जैसा फ्लू नहीं है. इसकी बजाए संक्रमण के नए प्रकारों से बढ़ रही लहर दिखाती है कि यह साफ नहीं है कि आगे आने वाले समय में वायरस के साथ जीने का मतलब क्या होगा.”  

वहीं लंदन की एक डेटा फर्म एयरफिनिटी लिमिटेड के वैक्सीन एंड वेरिएंट विभाग के अध्यक्ष कहते हैं, ” लोगों का अस्पताल में भर्ती होना बढ़ रहा है. कुछ मामलों में कोरोना का संक्रमण पहले से भी तेजी से बढ़ा है. उपायों में विभिन्नता के शायद कम सटीकता वाली सर्विलांस की वजह से है. 

यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग की बिहेवियरल साइकॉलजी की प्रोफेसर रेचल मैकॉय कहती हैं कि मनोवैज्ञानिक तौर से लोगों को लग सकता है कि कोरोना को लेकर हालात सुधर नहीं रहे लेकिन प्रतिबंधों का ना होना संदेश देता है कि चीजें वापस सामान्य हो गई हैं लेकिन दूसरी तरफ कोरोना की दर बढ़ रही है, लोग बीमार हैं और खतरे में हैं. चीजें वैसी नहीं हैं जैसी थीं.”

 

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