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Public Opinion Dehradun : एक ओर ‘स्वच्छ दून सुंदर दून’ का दावा, दूसरी ओर कारगी के लोग कई सालों से कूड़े की दुर्गंध से परेशान. गर्मियों में हैजा और मलेरिया का खतरा बढ़ा. शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही.
कारगी कूड़ा डंपिंग जॉन से परेशान देहरादून की जनता
हाइलाइट्स
- कारगी क्षेत्र में कूड़े की बदबू से पूरी आबादी परेशान हैं.
- कूड़े की वजह से व्यापारियों का व्यापार प्रभावित है.
- नगर निगम को कई बार शिकायतें दी गईं, लेकिन समाधान नहीं हुआ.
देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को एक ओर ‘स्वच्छ दून सुंदर दून और स्मार्ट दून’ बनाने का दावा किया जाता है, दूसरी तरफ कारगी क्षेत्र के लोग कई साल से कूड़े की दुर्गंध से परेशान हैं. देहरादून नगर निगम ने हरिद्वार रोड (हाईवे पर) आबादी के नजदीक डंपिंग जोन बनाया हुआ है. यहां न सिर्फ सैकड़ों लोगों के घर और दुकानें हैं बल्कि स्कूल भी हैं. कोई भी टूरिस्ट हरिद्वार, ऋषिकेश या चारधाम से आता है या आईएसबीटी से चारधाम जाता है तो उसे भी इस गंदगी और बदबू वाले रास्ते से गुजरना पड़ता है. इन कूड़ों में पनपे चूहे दुकानों में घुसकर नुकसान करते हैं. गर्मियों में हैजा और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
कारगी के रहने वाले समीर बताते हैं कि यहां सड़क पर ही कूड़ा डाल दिया जाता है, जिससे बहुत बदबू आती है. वे यहां कई साल से चाय का ठेला लगा रहे हैं. कूड़े की बदबू के चलते उनका काम बहुत प्रभावित है. कौन बदबू में चाय-नाश्ता करना चाहेगा. जुबेर बताते हैं कि मुख्य सड़क पर कूड़ा नजर आता है, जो शहर की खूबसूरती में दाग लगाता है. देहरादून नगर निगम का कहना है कि कूड़े को कैप्सूल के रूप में समेटने के लिए क्षेत्र में प्लांट लगाया गया है.
शिकायत करके थक गए
कारगी क्षेत्र में कई दुकानें हैं जिन पर कूड़े और कूड़े की बदबू का बुरा असर पड़ रहा है. व्यापारी शमीम अहमद ने बताया कि पहले जब यहां नगर निगम ने डंपिंग जोन नहीं बनाया था, तब हमारे यहां ग्राहक आया-जाया करते थे और अच्छा व्यापार चलता था. जब से यहां शहरभर का कूड़ा डाला जाने लगा है, तब से परेशानी शुरू हो गई. कोई भी ग्राहक ऊपर सड़क से नीचे उतरकर नहीं आना चाहता है क्योंकि यहां दुर्गंध बहुत रहती है. इतना ही नहीं, चूहों ने बहुत परेशान कर दिया है. कूड़े से निकलने वाले चूहे उनकी दुकानों में घुसकर सोफे, गद्दे, कुर्सियां यहां तक कि खिड़की दरवाजे भी कुतर देते हैं.
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DM तक को लिखी चिट्ठी
शमीम बताते हैं कि हमने नगर आयुक्त, महापौर और जिलाधिकारी तक को कई बार शिकायती पत्र दिए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया. दो व्यापारी इस गंदगी के चलते बीमार पड़ गए हैं. फिरोज का कहना है कि इससे न सिर्फ हम व्यापारियों को नुकसान हो रहा है बल्कि यहां स्कूल और सरकारी दफ्तर के साथ-साथ सत्संग भवन भी हैं, वहां भी दिक्कते हो रही हैं. उनकी ओर से भी कूड़ा हटाने के लिए एप्लिकेशन दी गई, लेकिन परेशानी जस की तस बनी हुई है. कई संगठनों ने आंदोलन किए भी हैं.