जयपुर। चिकित्सा विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि रोगी को केंद्र में रखकर गुणवत्तापूर्ण उपचार के लिए जरूरी कार्यों को आरएमआरएस की राशि का युक्ति संगत उपयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से पूरा किया जाए। इसके साथ ही एसएमएस अस्पताल को सेल्फ सस्टेनेबल बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भिजवाया जाए। अस्पताल परिसर से अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण हटाए जाएं। साथ ही अस्पताल में मानव संसाधन बढ़ाते हुए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए। पार्किंग व्यवस्था के लिए प्लान को अंतिम रूप देकर जल्द भिजवाएं। सिंह शुक्रवार को एसएमएस अस्पताल में आरएमआरएस की बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तकनीक का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इसके लिए आईएचएमएस के सभी मॉड्यूल चरणबद्ध रूप से लागू करने के निर्देश दिए।
नए कूलिंग सिस्टम के लिए प्रस्ताव तैयार करें
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अस्पताल में नया कूलिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भिजवाएं। अस्पताल परिसर में आरएमआरएस के माध्यम से चल रहे निर्माण कार्यों को समय पर पूरा किया जाए। साथ ही तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए आरएमआरएस में उपलब्ध राशि का उपयोग किया जाए।
नई जांचों एवं उपकरणों की खरीद की स्वीकृति, एसडीपी जांच की दर बढ़ाई
बैठक में अस्पताल में माइक्रोबायोलॉजी एवं ओपीजी सहित अन्य जांचें बढ़ाने, विभिन्न विभागों में आवश्यक उपकरणों की खरीद करने सहित अन्य प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने बताया कि बैठक में एसडीपी जांच की दर को आठ हजार से बढ़ाकर 10 हजार करने पर विचार किया जाएगा। हालांकि ये जांच राजस्थान के निवासियों के लिए तो पहले से नि:शुल्क है, लेकिन राज्य के बाहर के मरीजों के लिए दर बढ़ाई गई है। बैठक में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर के प्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।