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स्वस्तिका में साल 2023 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में आयोजित श्री महाकालेश्वराय सांस्कृतिक महोत्सव में भाग लिया, जहां उन्होंने भरतनाट्यम और वायलिन वादन में प्रथम स्थान हासिल किया. इस उपलब्धि के लिए उन्हें ‘शशि क…और पढ़ें
हल्द्वानी की स्वस्तिका भरतनाट्यम और वायलिन वादन में है माहिर.
हाइलाइट्स
- स्वस्तिका जोशी ने उज्जैन महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त किया.
- स्वस्तिका को ‘शशि कला प्रवीण सम्मान 2024’ से नवाजा गया.
- स्वस्तिका ने बनारस में 45 मिनट तक भरतनाट्यम का प्रदर्शन किया.
हल्द्वानी: उत्तराखंड की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रही हैं. ऐसा ही एक नाम है हल्द्वानी की 11 वर्षीय स्वस्तिका जोशी, जो अपनी कला से देश-विदेश में राज्य का नाम रोशन कर रही हैं. भरतनाट्यम और वायलिन वादन में निपुण स्वस्तिका ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रस्तुति देकर कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं.
स्वस्तिका जोशी का जन्म 7 दिसंबर 2013 को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हुआ. वर्तमान में वह हल्द्वानी के सेंट थेरेसा स्कूल में कक्षा 6 की छात्रा हैं. स्वस्तिका ने मात्र 6 साल की उम्र से भरतनाट्यम की शिक्षा गुरु शुभम खोवाल से और वायलिन की शिक्षा पंडित हरीश चंद्र पंत से लेनी शुरू की. भरतनाट्यम के प्रति उनका रुझान तब बढ़ा जब उन्होंने तमिलनाडु के तंजावुर स्थित बृहदीश्वर मंदिर में इस नृत्य को देखा. चूंकि उनके घर में भी नृत्य का माहौल था, उनकी मां और बहन कथक नृत्यांगना हैं, इसलिए उन्होंने भी अपनी कला को निखारने की ठानी.
कई मंचों पर बिखेर चुकी हैं जलवा
स्वस्तिका के पिता हेमंत कुमार जोशी ने बताया कि स्वस्तिका ने 2023 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में आयोजित श्री महाकालेश्वराय सांस्कृतिक महोत्सव में भाग लिया, जहां उन्होंने भरतनाट्यम और वायलिन वादन में प्रथम स्थान हासिल किया. इस उपलब्धि के लिए उन्हें ‘शशि कला प्रवीण सम्मान 2024’ से नवाजा गया. इसके अलावा, उन्होंने अखिल भारतीय संगीत नृत्य प्रतियोगिता शिमला, बाल कला उत्सव दिल्ली, अखिल भारतीय शास्त्रीय संगीत नृत्य प्रतियोगिता आगरा और क्लासिकल वॉइस ऑफ इंडिया 2023 लखनऊ में भी शानदार प्रदर्शन किया है.
45 मिनट की प्रस्तुति से बनारस में किया मंत्रमुग्ध
स्वस्तिका की कला का जादू बनारस के नमो एवं अस्सी घाट पर भी देखने को मिला, जहां उन्होंने लगातार 45 मिनट तक भरतनाट्यम का प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वस्तिका को ‘उत्तराखंड बाल गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया है.
स्वस्तिका जोशी कहती हैं, “मुझे भरतनाट्यम और वायलिन बजाना बहुत पसंद है. मैं आगे भी इस कला को सीखना चाहती हूं और इसे दुनिया भर में प्रस्तुत करना चाहती हूं.”
Haldwani-cum-Kathgodam,Nainital,Uttarakhand
March 08, 2025, 12:47 IST
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