अंकल-अंकल कहने वाला बच्चा कैसे बन गया लॉरेंस? कहानी अंडरवर्ल्ड के 'सिस्टम' की


नई दिल्ली:

किसी भी मां-बाप के लिए अपने बच्चे को काबिल बनाना एक सपने जैसा होता है. और वो अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए बच्चे को अच्छे स्कूल और बड़ी यूनिर्सिटी में भी भेजते हैं. लेकिन क्या हो अगर कोई बच्चा पढ़ाई में नाम कमाने की जगह अपराध की काली दुनिया में घुसता चला जाए. जिस बच्चे की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं वो भी धीरे-धीरे  करके अपराध के दलदल में इस कदर धंसता चला गया कि आज वह एक पेशेवर अपराधी बन चुका है, जिसके ऊपर देश के कई राज्यों में मामले दर्ज हैं. इस कहानी की शुरुआत होती है चंडीगढ़ के पास एक गांव से. यहां से यह बच्चा 12वीं के बाद की पढ़ाई करने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचा था. 

यूनिवर्सिटी पहुंचने के बाद यह बच्चा बड़े शहर की चकाचौंध से अंजान था. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के दौरान वह छात्र राजनीति में सक्रिय हो जाता है. और अपनी पार्टी को छात्र चुनाव में जीताने अपनी सारी ताकत लगा देता है. चुनाव के बीच में उसकी दूसरे उम्मीदवारों के समर्थकों से कई बार लड़ाई होती है. लेकिन वह चुनाव प्रचार नहीं छोड़ता. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हुए यह बच्चा अपने शुरुआती दिनों कितना मासूम था इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में गाड़ियों में आग लगाने के मामले में पुलिस ने उसे पहली बार हिरासत में लिया, तो उसे ये तक नहीं पता था कि आखिर पुलिसवालों से बात कैसे करते हैं. पुलिसवालों को क्या कहके पुकारते हैं, कैसे अपनी बात रखते हैं. वो कभी पुलिस अधिकारी को सर तो कभी भाई तो कभी अंकल कहकर बुलाता.

18 साल का ये बच्चा देखने में इतना मासूम था कि खुद पुलिस वाले हैरान थे कि आखिर ये इस अपराध में कैसे पकड़ा चला गया. पुलिस ने इस मासूम से दिखने वाले बच्चे को 12 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.जब इस बच्चे को पहली दफा पकड़कर जेल भेजा गया तो उस दौरान किसी को इस बात अंदाजा नहीं था कि वो जिस बच्चे को गाड़ियों में आग लगाने के लिए आज जेल भेज रहे हैं वो एक दिन पूरी दुनिया में ‘आग’ लगाने को तैयार दिखेगा.  

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पुलिस हिरासत में पहली बार इस बच्चे का नाम पुलिसवालों को पता चला. इस मासूम बच्चे ने उस दौरान अपना नाम लॉरेंस बिश्नोई बताया था. वही लॉरेंस  बिश्नोई जिसका गैंग अब देश के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में चल रहा है. जिसके नाम से आम लोग ही नहीं बल्कि बॉलीवुड की कई हस्तियां भी डर जाती हैं. 

छात्र लॉरेंस के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई बनने तक का सफर जेल जाने से ही शुरू हुआ था. वो पहली बार किसी क्राइम की वजह से नहीं बल्कि अपने दोस्त के साथ हुए झगड़े की वजह से जेल गया था. दरअसल, छात्र राजनीति करते हुए उसकी दोस्ती विक्की मिद्दुखेड़ा नाम के छात्र से हुई थी. दूसरे गुट के छात्रों ने जब विक्की मिद्दुखेड़ा से झगड़ा किया तो लॉरेंस ने उस गिरोह के सदस्यों की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया. इसी मामले में वह पहली बार गिरफ्तार किया गया. और यहां से ही उसकी अपराध की दुनिया में एंट्री हुई.

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विक्की मिद्दुखेड़ा के झगड़े को लेकर पहली बार जेल गए लॉरेंस का इसके बाद कई बार जेल जाना हुआ. एक समय तो ऐसा भी आ गया जब वह बाहर कम और जेल में ज्यादा वक्त बिताता. इसी दौरान जेल में उसकी दोस्ती पंजाब के बड़े और मशहूर गैंगस्टरों से हुई.जेल के अंदर मौजूद बड़े गैंगस्टरों को लगा कि ये लड़का दमदार है और इसका इस्तेमाल कर वह बाहर अपने दुश्मनों को ठिकाने लगवाया जा सकता है. और इस तरह से वो लॉरेंस को सपोर्ट करने लगे और लॉरेंज के जेल से निकलने के बाद अपने दुश्मनों को एलिमिनेट करवाने लगे. 

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जब लॉरेंस जेल गया तो उसे जेल में रंजीत डुपला मिला उसने बाद में उसकी मुलाकात जसविंदर सिंह रॉकी से कराई. रॉकी पहले से ही मुख्तार अंसारी गैंग से मिला था हुआ. उसने इसे अपने शरण में ले लिया. जेल में इन बड़े गैंगस्टर से हाथ मिलाने के बाद जब लॉरेंस जेल से बाहर आता तो उन गैंगस्टरों के गिरोह के सदस्य उसके साथ चलते.लॉरेंस बिश्नोई के नाम से अब चंडीगढ़ ही नहीं आसपास के इलाकों में भी डर का माहौल बनने लगा था. लॉरेंस हर बीतते दिन के दिन अब और बड़ा हो रहा था. उसके रेंज में हर वो गैंग आ चुका था जो अपराध की दुनिया में अपना अलग वजूद रखना चाहते थे. 

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लॉरेंस अपने बड़े नेटवर्क का इस्तेमाल कर अपने दुश्मनों को एक-एक करके ढेर करने में लग गया.इन सब के बीच वो कई बार पुलिस की गिरफ्त में भी आया. पहले के मुकाबले अब जब पुलिस वाले उससे पूछताछ करते तो वो सहमा हुआ सा नहीं बल्कि आंखों में आंखें डाल कर जवाब देता. उसने पुलिसवालों से कई बार कहा कि ये तो सिर्फ एक शुरुआत है. आने वाले समय में पंजाब ही नहीं मेरी तलाश देश के कई राज्यों की पुलिस की होगी. 

जुर्म की दुनिया में हर बीतते दिन के साथ लॉरेंस के रुतबा और उसका स्टाइल सेंस दोने ही बदलने लगे. पहले के मुकाबले अब जब वब किसी जुर्म के सिलसिले में गिरफ्तार किया जाता तो उसका पहनावा बात करने का तौर-तरीका बिल्कुल बदला हुआ दिखता. पुलिस वाले उसके इस नए रूप को देखकर हैरान हो जाते. आज लॉरेंस की गैंग देश के साथ-साथ दुनिया के कई दूसरे देशों में एक्टिव है. उसके लिए 700 से ज्यादा शॉर्प शूटर्स काम करते हैं. 

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एक मासूम से बच्चे के लॉरेंस बिश्नोई बनने की कहानी, इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह से एनडीटीवी की खास बातचीत पर आधारित है. अमनजोत सिंह वो पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने लॉरेंस को पहली दफा अरेस्ट किया था. उनके अनुसार लॉरेंस बिश्नोई किसी भी दूसरे बच्चे की तरह ही एक सामान्य सा बच्चा था. लेकिन बार-बार जेल जाने की वजह से वह अपराध की दुनिया में लगातार सक्रिय होता चला गया. 


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