'अभी से ज्यादा सुविधाएं...' दिल्ली पर बीजेपी की फुल तैयारी, जानिए घोषणापत्र को लेकर क्या प्लानिंग 

Delhi Assembly Elections: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शुक्रवार को दक्षिण दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी (Ramvir Singh Bidhuri) की अध्यक्षता में 12-सदस्यीय घोषणा-पत्र समिति की घोषणा की. यह समिति अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के लिए अपने चुनावी वादों और दृष्टिकोण को बताएगी. दिल्ली भाजपा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि समिति में तीन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों- हर्षवर्धन, मीनाक्षी लेखी और विजय गोयल के अलावा अरविंदर सिंह लवली, प्रवेश वर्मा, सतीश उपाध्याय तथा विधायक अजय महावर सहित पार्टी के अन्य अनुभवी नेता शामिल हैं.

घोषणा-पत्र में होगा रोडमैप

बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (AAP) के 10 साल के शासन में दिल्ली एक ‘झुग्गी-झोपड़ी’ में बदल गई है, जहां सड़कें, नालियां, पेयजल और नागरिक बुनियादी ढांचे जैसी बुनियादी सुविधाएं ध्वस्त हो गई हैं और भाजपा के घोषणा-पत्र में बताया जाएगा कि अगर पार्टी चुनाव जीतती है तो कैसे बदलाव लाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘घोषणा-पत्र दस्तावेज में यह भी बताया जाएगा कि भाजपा किस तरह से दिल्ली के लोगों की आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा करेगी, जिन्हें ‘आप’ ने नजरअंदाज किया और जनता को धोखा दिया.”

कोई भी सुविधा बंद नहीं होगी

बिधूड़ी ने कहा कि घोषणा-पत्र तैयार करने से पहले जनता से व्यापक प्रतिक्रिया ली जाएगी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि घोषणा-पत्र समिति की पहली बैठक रविवार को होगी. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा, आम आदमी पार्टी की सरकार की चल रही मुफ्त योजनाओं में कोई बदलाव नहीं करेगी और इसके बजाय लोगों को पहले से मिल रही सुविधाओं और सेवाओं को बढ़ाने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेता पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मुफ्त बिजली जैसी योजनाएं जारी रहेंगी और इनका लाभ दिल्ली के मध्यम वर्ग को भी मिलेगा.” अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अगुवाई वाली आप आरोप लगाती रही है कि अगर भाजपा दिल्ली में सत्ता में आती है तो मुफ्त बिजली, पानी, बुजुर्गों के लिए तीर्थयात्रा और महिलाओं के लिए बस यात्रा जैसी योजनाएं खत्म हो जाएंगी.

AAP लगा रही ये आरोप

विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में आप की पदयात्रा के दौरान केजरीवाल ने पार्टी के लिए वोट मांगे और चेतावनी दी कि अगर चुनाव के बाद वह मुख्यमंत्री नहीं बने तो दिल्ली में स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति खराब हो जाएगी, बिजली कटौती और उच्च बिजली बिल फिर से आ जाएंगे और भाजपा मुफ्त योजनाएं बंद कर देगी.दिल्ली में 70 सीट के लिए फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनावों 2015 और 2020 में आप ने भाजपा को करारी शिकस्त दी थी. 



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