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कोर्स का मुख्य उद्देश्य और इसके फायदे (Vedic Studies Course)

नई शिक्षा नीति के अनुरूप इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य है युवाओं की समझ को विकसित करना। वैदिक अध्ययन कोर्स के माध्यम से युवा पीढ़ी को भारत की प्राचीन संस्कृति, ज्ञान की वास्तविकता और अखंडता को समझने का अवसर मिलेगा। इस कोर्स की डिग्री प्राप्त करके आप शिक्षक और प्रोफेसर बन सकते हैं। साथ ही एसएससी, पीएससी, एमपीपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं।

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कितने सालों का कोर्स है?

12वीं की पढ़ाई के बाद कोई भी छात्र इस कोर्स में दाखिला ले सकता है। वैदिक अध्ययन के इस कोर्स से आप डिप्लोमा डिग्री भी ले सकते हैं। साथ ही इसमें ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी भी कर सकते हैं।

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सीटों की संख्या

हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में वैदिक अध्ययन विभाग भारतीय ज्ञान पंपरा के अध्ययन के लिए समर्पित है। इस विभाग में डिप्लोमा, बीए, एमए और पीएचडी कोर्स कर सकते हैं। बीए वैदिक (Vedic Studies) में सीटों की संख्या 40 है। वैदिक अध्ययन के नाम से यह देश का पहला विभाग है। हालांकि, दिल्ली और बीएचयू में भी इस तरह के कोर्सेज शुरू हुए हैं। लेकिन उनका नाम वैदिक अध्ययन नहीं है।

जानिए इस विश्वविद्यालय की खासियत (Madhya Pradesh)

इस विश्वविद्यालय को अपनी कम फीस, शिक्षा और हॉस्टल सुविधाओं के लिए जाना जाता है। साथ ही यहां का कैंपस भी काफी खूबसूरत है। मध्य प्रदेश में रहना और खाना-पीना भी काफी सस्ता है। यही कारण है कि कई राज्य के छात्र यहां एडमिशन के लिए आवेदन करते हैं।

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