ईडी ने बंगाल के गिरफ्तार मंत्री व सहयोगी से पूछताछ की, तृणमूल के अन्य विधायक को तलब किया

चटर्जी को भुवनेश्वर स्थित एम्स में उनकी अच्छी तरह से चिकित्सकीय जांच के बाद सुबह साढ़े छह बजे कोलकाता लाया गया और फिर सीधे सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ईडी के दफ्तर ले जाया गया. उनसे पूछताछ की गई. उद्योग मंत्री को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की विपक्ष की मांग के बीच, चटर्जी की ओर से 15 साल से अधिक समय से इस्तेमाल की जाने वाली उनकी आधिकारिक कार को मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में जमा कर दिया गया.

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने पुष्टि की कि 2006 में विपक्ष के नेता के रूप में विधानसभा द्वारा उन्हें आवंटित की गई उनकी कार जमा कर दी गई है. केंद्रीय एजेंसी के अनुरोध पर एक विशेष ईडी अदालत ने सोमवार को चटर्जी और मुखर्जी दोनों को तीन अगस्त तक उसकी हिरासत में भेज दिया था. जांच एजेंसी ने दलील दी थी कि शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले में शामिल पैसा कहां-कहां गया है, इसका पता लगाने के लिए दोनों से पूछताछ करने की जरूरत है.

कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के तहत चटर्जी को डिजिटल माध्यम से विशेष अदालत में पेश किया गया था जबकि मुखर्जी को अदालत ले जाकर न्यायाधीश के सामने पेश किया गया था. उच्च न्यायालय ने रविवार को निर्देश दिया था कि चटर्जी को भुवनेश्वर स्थित एम्स ले जाया जाए जहां सोमवार को विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टर उनकी चिकित्सकीय जांच करें.

ईडी ने चटर्जी को पश्चिम बंगाल सरकार के एसएसकेएम अस्पताल भेजने के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (प्रभारी) अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. उनके वकीलों ने दावा किया था कि वह बीमार हैं. एजेंसी ने जोर देकर कहा था कि कौन से अस्पताल ले जाना है इसका निर्देश अदालत नहीं दे सकती है.

एम्स, भुवनेश्वर के चिकित्सकों ने कहा कि चटर्जी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है. चटर्जी को स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के भर्ती अभियान में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था.

जब नियुक्तियों में कथित घोटाला हुआ था, उस समय तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के पास शिक्षा महकमे का जिम्मा था.

सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व प्रमुख और नादिया जिले से विधायक भट्टाचार्य को बुधवार दोपहर में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ईडी के दफ्तर में उसके अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

ईडी ने 22 जुलाई को भट्टाचार्य के आवासीय परिसरों पर छापे मारे थे. उसने भर्ती घोटाले में कथित रूप से शामिल अन्य लोगों के यहां भी छापेमारी की थी.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मंत्री पार्थ चटर्जी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. ममता को लिखे पत्र में अधीर ने कहा कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा भर्ती प्रक्रिया में ‘अनियमितताएं’ ‘एक खुला सत्य’ है.

इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि मामले की समयबद्ध जांच हो. उन्होंने कहा, “ यह अस्वीकार्य है कि मामले की जांच सालों तक चलती रहे. मुझे उम्मीद है कि सच जल्द सामने आएगा.”

उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी की गिरफ्तारी का राज्य विधानसभा के विधायी मामलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

विधानसभा अध्यक्ष ने चटर्जी की गिरफ्तारी का मज़ाक उड़ाने वाले विपक्षी दलों पर बिना नाम लिए निशाना साधा और कहा, “ जो आज हंस रहे हैं, हो सकता है कि वे कल न हंसें. मुझे इस प्रकरण (स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित घोटाले) को लेकर संदेह है.”

वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ ने चटर्जी का नाम मंत्री या पार्टी महासचिव के तौर पर छापना बंद कर दिया है. उनकी ईडी की हिरासत को लेकर छपी खबर में, न तो मंत्री के रूप में और न ही पार्टी नेता के रूप में उनके पदनाम का उल्लेख किया गया है. हालांकि, ‘जागो बांग्ला’ के संपादक के रूप में चटर्जी का नाम अब भी प्रिंट लाइन में है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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