जयपुर। प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र को सही करने के लिए राइजिंग राजस्थान: प्री एजुकेशन समिट-2024 एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी। इसमें विभिन्न योजनाओं और नीतियों को प्रस्तुत किया जाएगा। इनमें विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा को सुलभ और सशक्त बनाने पर जोर दिया जाएगा, ताकि इन क्षेत्रों के बच्चों को भी बेहतरीन शिक्षा मिल सकेगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को प्री-समिट की सभी तैयारियां को लेकर चर्चा की और अंतिम रूप दिया गया। स्कूल शिक्षा, भाषा एवं पुस्तकालय, पंचायती राज (प्रारंभिक शिक्षा) विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल, खेल एवं युवा मामले विभाग के शासन सचिव नीरज के. पवन, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की शासन सचिव डॉ.आरुषी ए. मलिक, राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त स्कूल शिक्षा परिषद् अविचल चतुर्वेदी सहित विभाग के उच्चाधिकारियों ने आयोजन स्थल पर पहुंचकर तैयारियों का फीडबैक लिया।
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख बनाने का प्रयास
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समिट से न केवल राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था को नई गति और दिशा मिलेगी, बल्कि यह राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख हब के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा। उन्होंने कहा कि इस प्री-समिट में शिक्षा को सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित रखने के बजाय उसे रोजगारोन्मुख बनाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी, ताकि प्रदेश के छात्र भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें। दिलावर ने कहा कि होने वाले राइजिंग राजस्थान: एजुकेशन प्री-समिट 2024 का उद्देश्य भविष्य में राज्य को एक शिक्षा हब के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। राजस्थान सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राज्य का हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करने का काम राज्य सरकार करेगी।