जेईई एडवांस 2021: दक्षिणी ओडिशा में एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले छात्र ने कमाल कर दिखाया है. दरअसल इस छात्र ने इस साल जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (एडवांस) क्लियर की है. इस छात्र ने इकोनॉमिक वीकर सेक्शन (EWS) कैटेगिरी में 367 वीं रैंक हासिल की है. इस उपलब्धि के बाद 18 वर्षीय छात्र पी मनोज देश में IITs मे एक सीट हासिल करने के लिए एलिजिबल हो गया है. बता दें कि 15 अक्टूबर को घोषित किए गए JEE (एडवांस) के परिणाम के अनुसार जनरल कैटेगिरी में छात्र पी मनोज कुमार की पोजीशन 3,899 है.
प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट ने दी मुफ्त कोचिंग
मनोज बताते हैं कि शहर के एक प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट ने उन्हें एग्जाम क्रैक करने में मदद की. यह जानते हुए कि वह निजी कोचिंग के लिए इतनी बड़ी राशि का भुगतान नहीं कर सकते, संस्थान ने उन्हें मुफ्त कोचिंग देकर उनकी मदद करने की कोशिश की.
इलेक्ट्रीशियन के बेटे हैं मनोज
मनोज के पिता नागराजू बताते हैं कि उनका बेटा पास के सरकारी प्राइमरी और हाई स्कूलों का छात्र था और पढ़ाई में काफी अच्छा था. वह कहते हैं कि, “मैं एक इलेक्ट्रिशियन हूं और डेली बेसिस पर कमाई करता हूं. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद, मैंने हमेशा अपने बेटे की शिक्षा को प्राथमिकता दी.”
नागराजू बताते हैं कि वह बहुत चिंतित थे कि वह कैसे अपने बेटे की आगे को पढ़ाई करा पाएंगे. लेकिन जब उनके बेटे ने 10वीं कक्षा पूरी की तो संस्थान के निदेशक सुधीर राउत से संपर्क किया, उनसे मुफ्त कोचिंग के लिए अनुरोध किया.जिसके बाद, “वह (राउत) न केवल मनोज को मुफ्त कोचिंग देने के लिए सहमत हुए, बल्कि अच्छी रैंक हासिल करने के बाद एडमिशन के लिए धन की व्यवस्था करने का भी आश्वासन दिया.” मनोज की मां ने मंथली इंस्टॉलमेंट स्कीम में उनके लिए एक एंड्रॉइड फोन खरीदा था ताकि महामारी की स्थिति के कारण कोचिंग सेंटर बंद होने पर उनकी ऑनलाइन कक्षाएं प्रभावित न हों. नागराजू बताते हैं कि, “फोन की बकाया राशि का भुगतान किया जाना बाकी है.”
पिता को प्रेरणा मानते हैं मनोज
वहीं जेईई एडवांस में रैंक हासिल करने वाले छात्र मनोज अपने पिता को अपनी प्रेरणा बताते हैं. इसके साथ ही वह कोचिंग संस्थान के शिक्षकों को उनकी मदद करने के लिए धन्यवाद भी देते हैं.
संस्थान के कई छात्र मनोज की मदद के लिए आगे आए हैं
वहीं कोचिंग सेंटर के निदेशक राउत का कहना है कि उनके पूर्व छात्रों में से एक जो अब विदेश में काम करता है, ने उन्हें मनोज के एक कॉलेज में एडमिशन के लिए वित्तीय मदद का आश्वासन दिया था. इसके अलावा कोचिंग संस्थान के कुछ सदस्य भी छात्र की आर्थिक मदद के लिए आगे आए हैं.
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