केवल 12 फीसदी की जिओ टेगिंग, कागजों में भारी पौधारोपण

कोटा। कोटा में सघन पौधारोपण अभियान के दौरान सरकार की ओर से सभी विभागों को अलग अलग संख्या में लक्ष्य दिए गए थे। लेकिन अभियान के एक महीने बाद भी कई विभाग गिनती के पौधे लगा पाए हैं। साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए भी कहीं कोई इंतजाम नहीं है। इसके साथ ही कई विभाग अभी भी पौधारोपण के लिए जगह की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में पौधारोपण का यह अभियान केवल कागजों में ही ज्यादा चलता जा रहा है। अभियान की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इस स्थिति में सबसे बड़ा सवाल पौधारोपण के पूरा होने का खड़ा होता है। विभागों द्वारा स्मृति वन से लेकर बायोलॉजिकल पार्क, नगर वन और अन्य स्थानों पर लगाए गए पौधों की देखरेख का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है।

विभागवार ये हैं आंकड़े
विभाग                        लक्ष्य         पौधारोपण
पंचायती राज               217085    170385
चिकित्सा विभाग         17875      12998
खान विभाग               15000       16973
राजीविका                   50000      46260
भू संरक्षण                  20000       3680
पीडब्लूडी                    20000       0
उद्यानिकी                   10000        7600
सीएडी                       2825          1150
वन विभाग                655300       655300
जल संसाधन             2030           130
महिला बाल विकास    2490           3054
कृषि विभाग              10000          4215
शिक्षा विभाग             757162        212651
केडीए                       100000        20000
निगम उत्तर               220000        10000
निगम दक्षिण            220000        40000
रामगंजमंडी पालिका   7000            1455
सांगोद पालिका           5000           2231
इटावा पालिका           5000           1487
सुल्तानपुर पालिका    5000           1135
कैथून पालिका           5000           1570
सुकेत पालिका           5000           1110

सुरक्षा के नहीं कोई इंतजाम
अभियान के दौरान पौधारोपण में विभाग के पास सबसे बड़ी समस्या स्थान को लेकर सामने आ रही है। कई विभागों कर्मचारियों ने बताया कि पौधारोपण के लिए पर्याप्त स्थान ही नहीं है जहां पौधा लगा सकें। साथ ही पौधारोपण के दौरान एक कॉर्डिनेट पर एक ही जिओ टेगिंग हो सकती है। दूसरे पौधे की टेगिंग के लिए आपको दूसरे कॉर्डिनेट पर पौधा लगाना पड़ता है। वहीं पौधारोपण के बाद कई स्थानों पर उनकी सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। पौधारोपण के बाद उनके लिए न ट्री गार्ड की व्यवस्था की गई है और ना किसी देखभाल करने वाले की। अनंतपुरा स्थिति स्मृति वन लव कुश वाटिका, देवली अरब स्थित नगर वन बायोलॉजिकल पार्क में कई विभागों ने हजारों पौधे लगाए थे, लेकिन वहां भी पौधे सूखने लगे हैं। पौधारोपण का ये अभियान मात्र कागजों पर सिमट कर रह गया है।

कई विभाग जिओ टेगिंग तक नहीं कर रहे
सरकार की ओर से इस बार पौधारोपण के दौरान जिओ टेगिंग की व्यवस्था भी की गई थी। जिसके तहत पौधारोपण करने के बाद उसकी जिओ टेगिंग करके उसे मुख्यमंत्री सघन पौधारोपण अभियान के पोर्टल पर अपलॉड करना था। लेकिन कई विभागों ने अभी भी जिओ टेगिंग करना शुरू नहीं किया है। वहीं केवल वन विभाग को छोड़कर लगभग सभी विभाग पूरा महीना बीत जाने के बाद भी 20 से 30 फीसदी पौधे लगा पाए हैं। सरकारी आंकडों के अनुसार जिले के सभी विभागों ने कुल मिलाकर 12 लाख 9 हजार 192 पौधे लगे हैं। उनमें भी केवल 10 से 12 फीसदी पौधों की ही जिओ टेगिंग हो पाई है। दोनों नगर निगम की ओर से तो अभी तक एक भी पौधे की जिओ टेगिंग नहीं हो पाई है। ऐसे में पौधारोपण की तुलना में इतनी कम संख्या में जिओ टेगिंग होने से पौधारोपण अभियान केवल कागजों में पूरा होता नजर आ रहा है।

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