जंगल से घिरा रामपुरा कॉलेज, खतरे में बेटियों की जान

कोटा। करोड़ों की लागत से बना राजकीय कला कन्या महाविद्यालय रामपुरा जंगल से घिरा हुआ है। कॉलेज की 4 एकड़ जमीन पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी हुई है। जिसमें जहरीले जीव-जंतुओं की मौजूदगी से छात्राओं की जान संकट में रहती है। गत वर्ष क्लासरूम में कोबरा दस्तक दे चुका है। उस वक्त कक्षा में छात्राओें के नहीं होने से हादसा टल गया। वहीं, महाविद्यालय के एंट्री गेट पर गोयरा आने से छात्राओं में हड़कम्प मच गया था। ऐसे में अनहोनी का खतरा बना रहता है। दरअसल, रामपुरा कॉलेज को सवा 6 एकड़ जमीन आवंटित हुई थी। जिसमें से सवा 2 एकड़ भूमि पर दो मंजिला भवन बना। इसमें 8 कक्षा कक्ष हैं। भवन के पीछे शेष 4 एकड़ भूमि पर जंगल उगा हुआ है। जिसमें जहरीले जीव-जंतुओं की मौजूदगी बनी रहती है।

क्लास में कोबरा, बाहर गोयरे ने मचाई दहशत
छात्रा सेविका अनसुईया मीणा ने बताया कि कक्षा-कक्षा के पीछे कॉलेज की 4 एकड़ जमीन देखरेख के अभाव में दुर्दशा का शिकार हो रही है। यहां झाड़-झंकाड उगे हैं, जिनमें जहरीले जीव-जंतुओं की मौजूदगी होने से जान का खतरा बना रहता है। गत वर्ष कॉलेज के रूम नंबर-25 में कोबरा आ गया था। गनीमत रही की क्लास में लड़कियां नहीं थी, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। वहीं, गत माह महाविद्यालय के चैनल गेट के पास  गोयरा आने से छात्राओं में दहशत मच गई थी।  सरकार को बजट जारी कर खेल मैदान विकसित करना चाहिए।

तलाई बनी करोड़ों की जमीन, मच्छरों का आतंक
छात्रा सेविका देवयन्ती कहार ने बताया कि कैम्पस में महाविद्यालय की 4 एकड़ जमीन है, जो बरसाती पानी भरने से तलाई बन गई। इसमें खतरनाक बीमारियों का लार्वा पनप रहा है। क्लारूम में मच्छरों का प्रकोप बना रहता है। खिड़ियों में जालियां नहीं होने से सांप, बिच्छु, गोयरा सहित अन्य जहरीले कीड़े कक्षा कक्ष में घुस आते हैं। जिससे जान का खतरा बना रहता है। सरकार को इस भूमि पर बास्केट बॉल व हैंड बॉल का ग्राउंड विकसित करना चाहिए। ताकि, छात्राओं को खेल सुविधाएं मिल सके। 

टंकियों का पानी पी रही छात्राएं
छात्रा प्रतिनिधि दिव्यांशी मुराड़िया ने बताया कि कॉलेज में दो वाटरकूलर लगे हैं,जिसमें से एक खराब है। दूसरी मंजिल पर ज्योग्राफी की छात्राओं को पानी पीने के लिए ग्राउंड फ्लोर पर आना पड़ता है। लेकिन, यहां के वाटरकूलर में भी आरओ नहीं लगा होने से छात्राओं को टंकी का पानी पीना पड़ रहा है। जिससे छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आरओ सिस्टम लगाने के लिए भी कॉलेज प्रशासन के पास बजट नहीं है। कॉलेज परिसर में आउट डोर के अलावा इनडोर गेम की भी सुविधा नहीं है। जिससे छात्राओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

गंदगी व दुर्गंघ से सांस लेना हो रहा मुश्किल
छात्रा महिमा चौहान व प्रियंका ने बताया कि कैम्पस में क्लासरूम के पीछे गंदगी का ढेर लगा हुआ है। जिससे उठती दुर्गंध से छात्राओं का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। झाड़ियों की सफाई और मिट्टी डलवाकर जगह समतल करवाकर ट्रैक बनाना चाहिए।  वहीं, कॉलेज भवन के दायी व बायी ओर हैंडबॉल व बास्केट बॉल के ग्राउंड बनाए जाना चाहिए। 

कॉलेज की 4 एकड़ भूमि पर खेल मैदान विकसित किया जाना है। इसके लिए आयुक्तालय को पत्र लिख बजट की मांग की है, जो अब तक नहीं मिला। जैसे ही बजट जारी होगा, जमीन की सफाई करवाकर स्पोर्ट्स ग्राउंड विकसित किया जाएगा। महाविद्यालय में छात्राओं को क्वालिटी एजुकेशन दी जा रही है। साथ ही समस्याओं के समाधान के प्रयास लगातार जारी हैं। 
– डॉ. राजेश चौहान, प्राचार्य रामपुरा कॉलेज 

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