जान जोखिम में डालकर गुजर रहे स्कूली बच्चे

भण्डेड़ा। क्षेत्र के बांसी कस्बे में  बुधवार को तालाब की दूसरी तरफ की चादर के पानी से देई-बांसी मुख्य मार्ग पर बाण्डी खाल नाले की पुलिया पर डेढ़ फीट बरसाती पानी का बहाव होता नजर आया। इसी जगह से होकर बांसी सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों के स्कूली बच्चों को गुजरना पड़ा है। गनीमत रही कि खतरे भरी राह को पार करते समय कोई अनहोनी घटना नहीं हुई है। हालांकि खतरे भरी राह को पार करते समय पीईईओ के आदेशानुसार मौके पर शालाध्यापक मौजूद रहे और स्कूली बच्चों को यह राह पार करवाकर घर भेजा गया है। जानकारी के अनुसार बांसी क्षेत्र में रात्रि को हुई बारिश से दो तालाबों के ओवरफ्लो का पानी निकासी की जगह पर बांसी-देई मार्ग पर बांडी खाळ नाले की पुलिया पर एक से डेढ़ फीट बरसाती पानी का बहाव बुधवार को सुबह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गणेश कॉलोनी में है। जो बांसी-देई मुख्य मार्ग पर स्थित है। विद्यालय व बांसी के बीच नाले के होने से स्कूल में आवाजाही वाले छात्र-छात्राओं को इसी पुलिया के ऊपर बहते बरसाती पानी से होकर गुजरना पड़ा है। आसपास बरसाती पानी की आफत एवं स्थिति को मद्देनजर रखते हुए शालाध्यापक छात्र-छात्राओं के साथ नाले पर पहुंचे व सभी छात्र-छात्राओं को पुलिया के पानी से सुरक्षित निकालकर घर भेजा है। इस दौरान शालाध्यापक मौके पर डटे रहे है। जानकारी के अनुसार बांसी क्षेत्र में रात्रि को हुई बारिश से दो तालाबों के ओवरफ्लो का पानी निकासी की जगह पर बांसी-देई मार्ग पर बांडी खाल नाले की पुलिया पर एक से डेढ़ फीट बरसाती पानी का बहाव बुधवार को सुबह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गणेश कॉलोनी में है। जो बांसी-देई मुख्य मार्ग पर स्थित है। विद्यालय व बांसी के बीच नाले के होने से स्कूल में आवाजाही वाले छात्र-छात्राओं को इसी पुलिया के ऊपर बहते बरसाती पानी से होकर गुजरना पड़ा है। आसपास बरसाती पानी की आफत एवं स्थिति को मद्देनजर रखते हुए शालाध्यापक छात्र-छात्राओं के साथ नाले पर पहुंचे व सभी छात्र-छात्राओं को पुलिया के पानी से सुरक्षित निकालकर घर भेजा है। इस दौरान शालाध्यापक मोके पर डटे रहे है। 

पीईईओ के आदेश की जिम्मेदारी समझी 
पीईईओ के आदेशानुसार शिक्षक छात्र-छात्राओं को लेकर मोके पर पहुंचे व सभी को नाले के उफान की राह से सुरक्षित पार करवाते हुए नजर आए। कुछ शिक्षक उफान के मध्य में रहे कुछ अलग-अलग जगह पर दूरी पर खड़े रहकर राह पार करवाते नजर आए है। इस दौरान शिक्षक मुकेश कुमार जांगिड़, भंवरलाल सिंघाडिया, हरलाल सिंह, बाबूलाल मीणा व पंचायत शिक्षक रामरतन बैरवा आदि ने जिम्मेदारी समझकर मौके पर मौजूद रहे है। 

इनका कहना हैं
सार्वजनिक निर्माण विभाग ने सड़क बनाई उस समय नाले में पानी की आवक को देखते हुए ऊंचाई अधिक करनी चाहिए थी। जो विद्यालय में आतेजाते समय छात्र-छात्राओं को इस खतरे भरी राह का सामना नही करना पडता।  
– बबलू कुशवाह, निवासी बांसी

मेरी भांजी नाले से दूसरी पार सरकारी स्कूल में पड़ने जाती है। बुधवार को नाले में आए उफान से घर आने की चिंता सताने लगी। पर जानकारी मिली की शालाध्यापक मोके पर रहकर नाले की राह पार करवा रहे है। तब जाकर राहत मिली है।
-हसन मोहम्मद, अभिभावक निवासी बांसी

यह विद्यालय बांसी की गणेश कॉलोनी में है। इस बीच नाला पड़ता है, जो तेज बारिश व दोनों तालाबों की चादर के चलते ही पानी दो भागों में बंट जाता है। फिर भी नाले पर इस तरह के हालात बन जाते है। यह समस्या जब-जब भी इस तरह बारिश के होते ही बांसी से कॉलोनी के विद्यालय व अस्पताल में आने जाने वाले सभी को समस्या का सामना करना पड़ता है। जो आज देखने को मिला है।
– अवधेश कुमार जैन, युवा निवासी बांसी

आज सुबह दो बेटियां घर से स्कूल गई थी। उस समय नाले की पुलिया पर पानी नही था। कुछ देर बाद ही पानी का बहाव तेज हो गया। बेटियों की घर आने की चिंता सताने लगी थी। पर शिक्षकों ने जिम्मेदारी समझते हुए नाला की राह पार करवाई है। इस तरह के हालात बनने पर घर पर भी चिंताए बढ जाती है। 
– सूरजमल साहु, अभिभावक

क्षेत्र में तेज बारिश को देखते हुए हमारे अधिन के सभी विद्यालयों में मैंने पहुंचकर जाएजा लिया था। जिनमें राजकीय कन्याशाला के परिसर में संस्कृत व महात्मा गांधी विद्यालय परिसर में भरे बरसाती पानी को देखते हुए छुट्टी कर दी थी। जब इन विद्यालय से हमारे स्कूल जाते समय नाले में ओर उफान नजर आया, तो हमारे स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ मोके पर शिक्षक पहुंचे। उफनते नाले से सभी को सुरक्षित घर भेज दिया गया है। 
– प्रेमचंद माली, कार्यवाहक पीईईओ राजकीय उमावि बांसी

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