देखो सरकार स्कूलों में कीचड़ पानी की भरमार

कोटा। बरसात के मौसम में एक ओर शहर के कई इलाकों में पानी भर जाता है। जिससे आमजन को अस्त व्यस्त हो ही रहा है साथ ही इस बारिश ने शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों में की गई तैयारी की भी पोल खोल दी है। थोड़ी सी बारिश में ही विद्यालयों में पानी भर जाता है। जिसके चलते विद्यार्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कोटा के कई विद्यालयों में यही स्थिति हर बार देखने को मिलती है। वहीं अब फिर से यही स्थिति सामने आ खड़ी हुई है। इसी तरह कई विद्यालयों में छतों और दीवारों में सीलन आ जाती है। जो बदबू तो मारती ही है साथ में कई लीकेज भी हो जाती हैं।

मोटर मार्केट की दुकानों में चल रहा स्कूल
सुभाष नगर स्थित मोटर मार्केट में पिछले साल पांचवी कक्षा तक के विद्यालय को स्वीकृति दी गई थी। जिसके बाद जगह नहीं होने के कारण मोटर मार्केट की छ दुकानों को स्कूल का संचालन करने के लिए आवंटित कर दिया था। लेकिन उसके बाद से अभी तक यहां किसी प्रकार की मुलभूत सुविधा नहीं उपलब्ध नहीं हुई है। कुछ दिन पहले इसके आगे के स्थान को ढकने के लिए टीन शेड लगाए गए थे लेकिन उसका कार्य भी बीच में छोड़ दिया और अभी भी स्कूल बारिश के बीच दुकानों में ही संचालित हो रहा है। साथ ही स्कूल में पीने के पानी और बिजली की भी कोई व्यवस्था नहीं है।

बोरखेड़ा, देवली अरब, नांता और किशोरपुरा विद्यालय के भी यही हालात
कोटा जिले के कई विद्यालय ऐसे हैं जो दशकों पुरानी इमारतों में संचालित हो रहे हैं। इनमें सबसे पुरानी इमारत नांता स्थिति विद्यालय की है। जिसकी इमारत दशकों पुरानी है ऐसे में इस स्कूल में कक्षाओं में पानी लीकेज होता है जो दीवारों और छत से टपकता रहता है। वहीं देवली अरब स्थित विद्यालय में भी भारी बारिश के दौरान पानी भर जाता है। जिसके साथ आने वाला कीचड़ स्कूल प्रांगण में जम जाता है। इससे विद्यर्थियों को आने जाने में असुविधा होती ही है साथ ही कई छुट्टी तक करनी पड़ जाती है। इसी तरह किशोरपुरा, दादाबाड़ी और बोरखेड़ा स्थित सरकारी विद्यालयों में बारिश के दौरान हालात खराब हो जाते हैं। 

स्थिति में नहीं हो रहा कोई सुधार
कोटा के सराकरी विद्यालयों की खराब हालात का मुद्दा विधानसभा सत्र के दौरान भी उठा था। तब शिक्षा मंत्री की ओर से सदन में जानकारी दी गई थी कि कोटा के चार विद्यालयों के भवन निर्माण और उनकी मरम्मत केलिए बजट पास किया गया है। जबकि कोटा शहर में ही 10 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं जिन्हें या तो मरम्मत की जरुरत है या उनके लिए नए भवन बनवाने होंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार ऐसे सभी विद्यालयों के लिए रिर्पोट तैयार कर सरकार को भेजा हुआ है। ऐसे में स्वीकृृति मिलने तक विद्यार्थियों और शिक्षकों को दहशत के साथ समस्या के बीच रहना पड़ेगा।

इनका कहना है
जिन विद्यालयों में मरम्मत की या नए भवन की आवश्यकता है उनकी रिर्पोट सरकार को भेजी हुई है। साथ ही विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए केडीए से जमीन मांगी हुई है। सरकार ये स्वीकृति मिलते ही मरम्मत और निर्माण कार्य करवाएं जाएंगे।
– रूपेश सिंह, एडीपीसी, शिक्षा विभाग कोटा

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